Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    OBC से छात्रवृत्ति, नौकरी में बने ‘आदिवासी’! मप्र में फर्जी जाति प्रमाण-पत्र का बड़ा खुलासा, 25 अफसर–कर्मचारियों पर FIR

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 08:08 PM (IST)

    मध्य प्रदेश में एक बड़े फर्जी जाति प्रमाण-पत्र घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें ओबीसी वर्ग के कई कर्मचारियों ने पहले छात्रवृत्ति ली और फिर एसटी के फर्ज ...और पढ़ें

    Hero Image

    फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए हासिल की नौकरी, एफआईआर दर्ज।

    डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में फर्जी जाति प्रमाण-पत्र घोटाले की परतें खुलने लगी हैं। ओबीसी वर्ग से आने वाले कई अधिकारी-कर्मचारियों ने पहले अन्य पिछड़ा वर्ग के दस्तावेज के आधार पर छात्रवृत्ति हासिल की और पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के समय अनुसूचित जनजाति (ST) का फर्जी प्रमाण-पत्र बनवा लिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन फर्जी प्रमाण-पत्रों की मदद से उन्होंने न सिर्फ सरकारी नौकरियां हासिल कीं, बल्कि उन पदों पर कब्जा कर लिया, जो आदिवासी वर्ग के युवाओं के लिए सुरक्षित थे। STF ने प्रदेशभर में ऐसे 25 अधिकारी-कर्मचारियों की पहचान कर FIR दर्ज की है।

    अब जांच एजेंसी की नजर उन 8 अधिकारियों पर है, जिन्होंने इन दस्तावेजों को बनाने व सत्यापित करने में भूमिका निभाई। जल्द ही इन पर भी कार्रवाई की तलवार लटक सकती है।

    कौन-कौन फर्जीवाड़े में शामिल

    एसटीएफ द्वारा चिह्नित अधिकारी-कर्मचारियों की सूची -

    • डॉ. दिनेश माझी, जीआरएमसी ग्वालियर
    • डॉ. सीमा बाथम, जीआरएमसी ग्वालियर
    • डॉ. रजनीश माझी, जीआरएमसी ग्वालियर
    • डॉ. विनोद बाथम, जीआरएमसी ग्वालियर
    • डॉ. रेखा बाथम, आयुर्वेदिक कॉलेज आमखो
    • डॉ. महेंद्र बाथम, फार्मासिस्ट, शिवपुरी
    • शिक्षक जवाहर सिंह केवट
    • शिक्षक सीताराम केवट
    • शिक्षक सरला मांझी
    • शिक्षक कुसुम मांझी
    • शिक्षक राजेश केवट
    • शिक्षक बाबूलाल रावत
    • शिक्षक सुनीता रावत
    • आरक्षक हेमंत बाथम, साइबर सेल ग्वालियर
    • गीतिका बाथम, एसआई, पुलिस मुख्यालय भोपाल
    • लोकेंद्र बाथम, 25वीं बटालियन, भोपाल
    • आरक्षक महेश बाथम, शिवपुरी
    • आरक्षक नाहर सिंह, शिवपुरी
    • सूबेदार अनिल बाथम, यातायात पुलिस, श्योपुर
    • भागीरथी माझी, स्टेनो, गुना
    • अनुपम मांझी, स्टेनो, गुना
    • देवीलाल ढीमर, स्टेनो, राजगढ़
    • शिक्षक दशरथ रावत, गुना
    • मनीष गौतम, महाप्रबंधक, बिजली कंपनी बैतूल
    • हाकिम बाथम, जेई, बिजली कंपनी होशंगाबाद
    • यश कुमार सिंह, संयुक्त संचालक, उद्यान विभाग दमोह

    सालों से कर रहे हैं नौकरी, विभाग अब भी खामोश

    सूत्रों के मुताबिक, इनमें कई अधिकारी-कर्मचारी कई वर्षों से सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं। एसटीएफ ने एफआईआर तो दर्ज कर दी है, लेकिन विभागीय स्तर पर अभी तक किसी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

    यह भी पढ़ें- साइबर ठगों ने ATS अधिकारी बन रिटायर्ड अफसर से 31 लाख रुपये हड़पे, 5 दिन तक रखा Digital Arrest

    जांच में सामने आया है कि फर्जी प्रमाण-पत्र बनवाने से लेकर सत्यापन तक का एक संगठित नेटवर्क काम कर रहा था, जो इस पूरे घोटाले को अंजाम देता था।


    जिन लोगों ने खुद को आदिवासी बताकर नौकरी हासिल की, उन्होंने पढ़ाई के समय खुद को ओबीसी बताया था। ओबीसी का जाति प्रमाण-पत्र बनवाकर छात्रवृत्ति भी हासिल की थी। इसमें उन लोगों के भी नाम बढ़ाए जा रहे हैं, जो सत्यापन में शामिल हैं।
    -राजेश सिंह भदौरिया, एसपी, एसटीएफ