साइबर ठगों ने ATS अधिकारी बन रिटायर्ड अफसर से 31 लाख रुपये हड़पे, 5 दिन तक रखा Digital Arrest
जबलपुर में साइबर ठगों ने एक सेवानिवृत्त बिजली अधिकारी को एटीएस अधिकारी बनकर टेरर फंडिंग के नाम पर डराया। पांच दिनों तक 'डिजिटल अरेस्ट' में रखकर 31 लाख ...और पढ़ें

बिजली विभाग से रिटायर्ड अधिकारी से ऑनलाइन ठगी (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में साइबर ठगों ने बिजली विभाग के एक रिटायर्ड अधिकारी को बेहद शातिर तरीके से जाल में फंसा लिया। खुद को ATS अधिकारी बताने वाले ठग ने उन्हें टेरर फंडिंग से जुड़ा बताते हुए पांच दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा और लगातार दबाव बनाते हुए 31 लाख रुपये ठग लिए। मामला तब सामने आया जब पीड़ित का बेटा पिता की घबराहट देखकर सच्चाई तक पहुंचा।
टेरर फंडिंग का दिखाया डर
नेपियर टाउन निवासी अविनाश चंद्र दीवान को 1 दिसंबर को सोशल मीडिया कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को पुणे ATS का अधिकारी बताया और दावा किया कि आतंकियों की पूछताछ में दीवान का नाम सामने आया है। ठग ने फर्जी RBI दस्तावेज भेजकर कहा कि उनके खाते में टेरर फंडिंग के 7 करोड़ रुपये आए थे, जिनमें से 70 लाख उनका कमीशन था। इसके आधार पर गिरफ्तारी और संपत्ति सीज करने की धमकी देकर उन्हें किसी से बात न करने और घर से बाहर न निकलने का निर्देश दिया।
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ऐसे ट्रांसफर कराई रकम
2 दिसंबर को ठगों ने दोबारा संपर्क किया। इस बार वीडियो कॉल पर पुलिस वर्दी में व्यक्ति सामने आया। जांच के नाम पर दीवान को अपने खाते की रकम एक “सुरक्षा खाते” में ट्रांसफर करने कहा—जिसे ठगों ने RBI का बताया था। बाद में एक और कॉल आया, इस बार खुद को NIA अधिकारी बताकर खाता विवरण भेजा गया। 2 से 5 दिसंबर के बीच लगातार दबाव बनाते हुए आरोपितों ने कुल 31 लाख रुपये अलग-अलग किश्तों में ट्रांसफर करा लिए।
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एफडी तुड़वाने की नौबत
रुपये खत्म होने पर दीवान एफडी तुड़वाने बैंक भी पहुंचे, जहां ठग लगातार उन पर नजर बनाए हुए थे। आखिरकार, बेटे को शंका हुई और उसने पिता को मदन महल थाने भेजकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस अब कॉल नंबरों और संदिग्ध बैंक खातों के आधार पर आरोपितों की तलाश कर रही है।

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