'सबको मार सकता हूं, मगर बेटी को कैसे मारूं', प्रेम विवाह से आहत पिता ने खुद को मारी गोली
दवा व्यापारी ऋषिराज को कुछ दिन पहले ही पता लग गया था कि बेटी हर्षिता पड़ोसी आनंद प्रजापति से बात करती है। उसे रोका तो दोनों घर से भाग गए। स्वजन ने झां ...और पढ़ें

जेएनएन, ग्वालियर। झांसी रोड इलाके में बीजासेन माता मंदिर के पास रहने वाले दवा व्यवसायी ऋषिराज जायसवाल ने लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। बेटी हर्षिता ने पड़ोसी युवक आनंद प्रजापित के साथ घर से भागकर प्रेम विवाह कर लिया था।
उसे दस्तयाब किए जाने के बाद कोर्ट ने भी बेटी को ससुराल भेजने के निर्देश दिए थे। इससे आहत होकर उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं उसके (आनंद के) पूरे परिवार को मार सकता हूं, लेकिन अपनी बेटी को कैसे मारूं। भारत का संविधान गलत है। जो लड़कियों के बालिग होने पर पिता से उसके सारे अधिकार छीन लेता है।
सुसाइड नोट में बेटी को ठहराया जिम्मेदार
बताया जाता है कि जब से बेटी गई थी, तब से ऋषिराज रातभर सो नहीं पाते थे। खाना भी छोड़ दिया था। बुधवार रात को कमरे में चले गए थे। स्वजन को लगा कि वह सो गए। रात करीब तीन बजे अलमारी में रखी बंदूक से कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। गोली लगते ही माथे के ऊपर का पूरा हिस्सा ही उड़ गया।
मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे की तलाशी ली तो उसमें एक पेज का सुसाइड नोट मिला। इसमें लिखा था, 'मैं उन दोनों (आनंद और हर्षिता) को मार सकता हूं, लेकिन मैं अपनी लड़की को कैसे मारूं। भारत का संविधान गलत है जो लड़कियों के बालिग होने पर पिता से उसके सारे अधिकार छीन लेता है।'
कोर्ट ने ससुराल भेजने के दिए थे आदेश
- नोट में आगे लिखा था, 'वकील जो कुछ पैसे के लिए एक परिवार की बलि तक चढ़ा देते हैं। उनकी भी तो बेटियां होती हैं। वे कुछ नहीं सोचते, एक पिता का दर्द। एक पूरा परिवार नष्ट हो गया। समाज में कुछ नहीं बचता उसका। रेणु (पत्नी) पूर्वक (बेटा) का ख्याल रखना और अपना भी। हर्षिता गलत किया बेटा। उसके (आनंद) परिवार को मार सकता हूं, लेकिन पूर्वक और अपनी पत्नी रेणु की खातिर नहीं मार पा रहा हूं। मेरी मौत के जिम्मेदार सिर्फ आनंद और हर्षिता हैं।'
- मंगलवार को मामले में कोर्ट में हर्षिता ने आनंद को पति बताते हुए कहा कि वह उसी के साथ जाना चाहती है। हर्षिता के बयान के बाद कोर्ट ने उसे उसके पति के साथ जाने का आदेश दिया। तभी से ऋषिराज घर पर खूब रोए थे। घटना के बाद आनंद के स्वजन के साथ ऋषिराज के परिवार वालों ने मारपीट की। पुलिस और पड़ोसियों ने हस्तक्षेप कर बचाया।
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