Umariya News: महज नौ दिनों में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में गई चार जाने, फिर से हुई एक तेंदुए की मौत
पिछले हफ्ते में 3 तेंदुओं की मौत हुई ही थी कि फिर एक और तेंदुए की मौत की खबर आ गई है। एक और तेंदुए कि मौत ने टाइगर रिजर्व के प्रबंधक पर एक बार और सवाल खड़ा कर दिया है।
भोपाल, जागरण डिजिटल डेस्क : बुधवार को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फिर हुई एक तेंदुए की मौत। 21 नवंबर से अब तक यानी की केवल नौ दिनों में चार तेंदुओं की मौतें हो चुकी हैं। बता दें कि पिछले हफ्ते में 3 तेंदुओं की मौत हुई ही थी कि फिर एक और तेंदुए की मौत की खबर आ गई है। एक और तेंदुए कि मौत ने टाइगर रिजर्व के प्रबंधक पर एक बार और सवाल खड़ा कर दिया है।
पनपथा बफर क्षेत्र में स्थित वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक एक बार फिर बुधवार को बफर क्षेत्र में गश्ती दल को तेंदुए का शव मिला है। शव मिलने के बाद वरिष्ट अधिकारीयों ने इसकी जानकारी दी। मौके पर पहुंच कर वरिष्ट अधिकारीयों ने तेंदुए के शव को मेडिकल टेस्ट के बाद उसका अंतिम संस्कार किया।
गश्त करते समय मिला शव
जानकारी के अनुसार तेंदुए का शव टाइगर रिजर्व पनपथा बफर क्षेत्र में करौंदिया बीट के कक्ष क्रमांक पीएफ 609 से सटे राजस्व क्षेत्र की सीमा के निकट पाया गया था। दुख की बात यह है कि मृत तेंदुए की उम्र महज 7 से 8 माह बताई गई है। इस बारे में वन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि तेंदुए को मृत अवस्था में गश्ती दल ने देखा था। गश्ती दल ने जब तेंदुए को देखा तो तुरा नत डॉक्टर की टीम बुलाई गई , जिसने शव का मेडिकल परीक्षण कराया।
तेंदुए के शरीर पर मिले बाघ के दांतों के निशान
अधिकारियों का कहना है कि तेंदुए की मौत की वजह किसी अन्य बाघ के हमले से होना मालूम होता है। डॉक्टरों ने बताया कि मृतक तेंदुए के शरीर पर बाघ के दांतों के भी निशान देखे गए हैं। जिस जगह पर तेंदुए की मौत हुई वहां बाघ के पैरों के निशान देखे गए हैं। उन सभी चीजों को देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि तेंदुए की मौत बाघ के हमले से हुई है। तेंदुए के शव को वन्य प्राणी के निर्धारित प्रोटोकॉल के अंतर्गत सभी अधिकारियों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार कराया गया है।
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