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    Madhya Pradesh: दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है दो साल की मासूम बच्‍ची, 5 करोड़ में होगा इलाज

    छतरपुर में रहने वाले जाकिर शेख की दो साल की बच्‍ची मधिहा दुर्लभ बीमारी एसएमए-2 (Spinal Muscular Atrophy Type-2) से पीड़ित है। जिसकी वजह से उसके हाथ और पैर टेढ़े हो गए हैं। इस बीमारी के ठीक होने पर 5 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

    By Jagran NewsEdited By: Babita KashyapUpdated: Wed, 16 Nov 2022 07:46 AM (IST)
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    मधिहा दुर्लभ बीमारी एसएमए-2 (स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-2) से पीड़ित है।

    छतरपुर, जागरण आनलाइन डेस्‍क। Spinal Muscular Atrophy Type-2: छतरपुर के वार्ड 28 के नारायण बाग में रहने वाले जाकिर शेख की दो साल की बेटी मधिहा दुर्लभ बीमारी एसएमए-2 (स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-2) से पीड़ित है। जिसकी वजह से मधिहा का शारीरिक विकास रुक गया है। इसके साथ ही उसके हाथ-पैर भी टेढ़े हो रहे हैं।

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    हर साल 35 लाख से ज्‍यादा होंगे खर्च 

    छतरपुर जिला अस्पताल के अलावा मधिहा को उसके पिता ने जबलपुर और पीजीआई चंडीगढ़ में दिखाया है। मासूम के इलाज पर हर साल 35 लाख से ज्यादा का खर्चा आएगा। इसके साथ ही डाक्टरों ने बीमारी को ठीक करने में 5 करोड़ रुपए का खर्चा बताया है। लड़की के पिता ने मदद के लिए इंटरनेट मीडिया पर सरकार, फिल्म कलाकार सोनू सूद और समाजसेवियों से अपील की है।

    6 लाख रुपए में आती है दवा की शीशी

    बच्‍ची के पिता जाकिर शेख ने बताया कि वह एक चौपहिया वाहन के शोरूम में डेंटर का कार्य करता है। प्रतिमाह उसे 15,000 रुपए वेतन मिलता है। वे पूरा वेतन लगाकर भी बच्‍ची का इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। बेटी के इलाज के लिए वे अपने दोस्तों व रिश्तेदारों से कर्ज ले चुका है, लेकिन इसके बाद भी इतना पैसा नहीं है कि बच्‍ची का इलाज करवा सके।

    जाकिर ने बताया कि बेटी के लिए इलाज के लिए एक माह में पीने वाली दवा की शीशी 6 लाख से भी अधिक मूल्‍य की है। इस दुर्लभ बीमारी की वजह से मधिहा चलना-फिरना तो करवट तक नहीं बदल पाती। बच्‍ची का ये हाल देख उसकी मां भी काफी परेशान रहती है। इलाज की रकम इतनी ज्‍यादा है कि उसे जुटा पाना नामुमकिन है।

    छह माह की होने पर भी उठ-बैठ नहीं पाती थी मधिहा

    मासूम मधिहा के पिता जाकिर शेख का कहना है कि बेटी का जन्म शादी के डेढ़ साल बाद हुआ था। घर में सब खुश थे। छह माह की होने के बावजूद बेटी मधिहा उठ-बैठ नहीं पा रही थी। इसके चलते सबसे पहले उसे जिला अस्पताल छतरपुर में दिखाया गया। यहां इलाज में कोई फायदा नहीं हुआ तो वे उसे जबलपुर ले गए। जबलपुर में जांच की गई तो पता चला कि मधिहा एसएमए-2 रोग से पीड़ित है।

    जबलपुर के डाक्टरों ने एम्स ले जाने के लिए कहा और बताया कि इलाज पर करीब 16 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। ये इंजेक्शन अमेरिका से मंगवाये जाते हैं। जबलपुर से उसे पीजीआइ चंडीगढ़ लाया गया। पीजीआइ में बताया गया कि मधिहा को ओरल मेडिसिन दी जाएगी।

    उसके इलाज पर हर साल 35 लाख रुपये से ज्यादा का खर्च आएगा। इसे पूरी तरह से ठीक होने में पांच करोड़ खर्च होंगे। डाक्‍टरों ने बताया कि अगर इलाज किया गया तो बच्‍ची एक साल तक जीवित रहेगी।

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