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    MP News: औरंगाबाद के जैन मंदिर से एक करोड़ की स्वर्ण प्रतिमा चुराने वाले दो आारोपित सागर से गिरफ्तार

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Wed, 28 Dec 2022 04:01 PM (IST)

    औरंगाबाद के कचनेर में चिंतामणी पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर से भगवान पार्श्वनाथ की एक करोड़ 5 लाख रुपये कीमत की प्रतिमा चोरी मामले में दो आरोपियों की गिरफ्तारी हो गयी है । पुलिस ने दोनों आरोपियों को सागर से गिरफ्तार किया है।

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    औरंगाबाद के जैन मंदिर से एक करोड़ की स्वर्ण प्रतिमा चुराने वाले दो आारोपित सागर से गिरफ्तार

    मध्य प्रदेश, भोपाल: औरंगाबाद के कचनेर में चिंतामणी पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर से भगवान पार्श्वनाथ की एक करोड़ 5 लाख रुपये कीमत की प्रतिमा चोरी मामले में दो आरोपियों की गिरफ्तारी हो गयी है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को सागर से गिरफ्तार किया है। दोनों के पास से मूर्ति के टुकड़े कर बेचे हुए 1 किलो 700 ग्राम सोने के टुकड़े और 70 हजार रुपये कैश बरामद किए हैं। मंदिर के प्रबंधन को इस चोरी की जानकारी पांच दिन पहले 23 दिसंबर को मिली थी । इसके बाद औरंगाबाद पुलिस सक्रिय हुई और आरोपितों को खोजते हुए सागर पहुंची।

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    अभिषेक के बहाने बदली मूर्ति

    मंदिर प्रबंधन ने घटना के बारे में पुलिस को बताया कि मंदिर में सेवादार का काम करने वाले आरोपित अर्पित ने पहले पीतल की मूर्ति मंगवाई। इसके बाद सोने की मूर्ति बदलने की योजना बनाई। पीतल की मूर्ति मंगवाने के बाद अर्पित ने 23 दिसंबर के आसपास अभिषेक करने के बहाने मौका देखकर पीतल की इस मूर्ति को सोने की मूर्ति से बदल दिया। इसके बाद वह मौके से गायब हो गया। वहीं 24 घंटे के अंदर मूर्ति का रंग बदलने पर मंदिर के पुजारी को संदेह हुआ। उसने तत्काल ही मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों को इस बारे में सूचित किया।

    जयपुर के कारीगर से पीतल की मूर्ति खरीदी

    25 दिसंबर को स्थानीय पुलिस थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ चोरी का केस दर्ज हो गया। इधर मंदिर से अर्पित भी गायब था। इसलिए उस पर ही सबसे पहले संदेह हुआ। इसी दौरान पुलिस को सोने की मूर्ति बनाने वाले जयपुर के कारीगर से पीतल की मूर्ति खरीदने का भी सुराग मिल गया। पुलिस ने जानकारी जुटाई तो पता चला सागर के शाहगढ़ निवासी अनिल विश्वकर्मा ने अपने यूपीआई नंबर से पीतल की मूर्ति खरीदने के लिए भुगतान किया है।

    मूर्ति को टुकड़े-टुकड़़े कर बेचा

    जानकारी के मुताबिक पुलिस ने इन युवकों मूर्ति के टुकड़े कर उसे भोपाल के एक सराफा व्यवसायी को बेच दिया था। मूर्ति को काटने के काम में शाहगढ़ निवासी अनिल विश्वकर्मा ने सहयोग किया। अनिल सागर के एक निजी कालेज से एम फार्मा की पढ़ाई कर रहा है। वह आरोपित अर्पित का दोस्त है। अर्पित व अनिल सागर में ही रुके थे, जिन्हें पकड़ लिया गया। मकरोनिया टीआइ एमके जगेत का कहना है कि महाराष्ट्र पुलिस ने सूचना दी थी। दोनों टीमों ने संयुक्‍त कार्रवाई करते हुए आरोपितों को पकड़ा। महाराष्ट्र पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई है।

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