MP News: कान्हा टाइगर रिजर्व के पास जख्मी हालत में दिखा बाघ, वन विभाग ने की बचाने से पहले चली गई जान
MP News मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व के पास एक बाघ घायल अवस्था में पड़ा था। जब तक वन विभाग ने उसे बचाने की कोशिश की तब तक उसने अपना दम तोड़ दिया। इस टाइगर रिजर्व में लग 200 से अधिक बाघ है।

बालाघाट, पीटीआई। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में कान्हा टाइगर रिजर्व (केटीआर) के पास घायल अवस्था एक 15 वर्षीय बाघ मिला था, जिसकी मौत हो गई है। एक अधिकारी ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी है।
स्थानीय लोगों ने विभाग को किया सूचित
रविवार दोपहर कुछ स्थानीय लोगों ने केटीआर के सीमा क्षेत्र के कोहका गांव में एक तालाब में बाघ टी-30 को घायल पड़ा देखा। इसके बाद तुरंत उन लोगों ने वन विभाग को इसकी जानकारी दी। खबर मिलते ही वन अधिकारी मौके पर पहुंचे।
बहुत ही वृद्ध और कमजोर था बाघ
केटीआर के क्षेत्र निदेशक एसके सिंह ने बताया कि सूचना मिलने के बाद वन विभाग की एक टीम मौके पर पहुंची, तो देखा कि घायल हुआ बाघ बहुत ही वृद्ध और कमजोर है। उन्होंने कहा कि बाघ को बचाने की कोशिश की जा रही थी। वन विभाग के अधिकारियों का कहना था कि बाघ अपनी जिंदगी के आखिरी पड़ाव में था और चोटिल होने के कारण और कमजोर हो गया था, ऐसे में उसे डॉट गन से बेहोश करना गलत है।
पोस्टमार्टम में पता लगेगी चोट की वजह
वन विभाग के अधिकारी ने कहा कि ऐसा संदेह है कि बाघ किसी अन्य बिल्ली या जानवर के साथ लड़ाई के दौरान घायल हुआ था। वन अमले ने दो हाथियों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन तभी रविवार की शाम उसने अपना दम तोड़ दिया। यह चोट काफी गहरे थे, जिनसे बाघ उबर नहीं सका।
अधिकारी ने कहा कि शव को बाद में बरामद कर लिया गया और सोमवार को इसका पोस्टमार्टम किया जाएगा। इसके बाद ही स्पष्ट किया जाएगा कि चोट किस कारण लगी है।
राज्य में हैं कई टाइगर रिजर्व
आपको बता दे, मध्य प्रदेश में कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा और पन्ना सहित कई टाइगर रिजर्व हैं। देश में सबसे ज्यादा बाघ मध्यप्रदेश में ही हैं। इसलिए प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिया गया है। कान्हा टाइगर रिजर्व और आसपास के जंगलों में 200 से ज्यादा बाघ हैं। यह पर पूरे साल बाघों को देखने के लिए विदेशी पर्यटकों का तांता लगा रहता है।
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