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    सड़क हादसे रोकने के लिए यज्ञ: मप्र में आत्मा की शांति के लिए फोर लेन पर किया जा रहा गंगा जल का छिड़काव

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Sun, 18 Dec 2022 04:19 PM (IST)

    लेबड़ से जावरा तक के 125 किमी हिस्से में दोनों तरफ उत्तराखंड से पवित्र गंगा जल लाकर छिड़काव किया गया। सड़क दुर्घटनाओ को रोकने के लिए फोरलेन के दोनों हिस्सों में गंगा जल का छिड़काव किया गया है।

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    सड़क हादसे रोकने के लिए मप्र में फोर लेन पर किया जा रहा गंगा जल का छिड़काव।

    मध्य प्रदेश, भोपाल: मध्य प्रदेश के बदनावर में लेबड़-नयागांव फोरलेन बनने के बाद आए दिन सड़क हादसे की खबरें आ रही है। दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कई कवायत भी की गई। मगर इंजीनियर की सारी कवायदों के बावजूद दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसे में टोल प्लाजा कंपनी ने अब धर्म और अध्यात्म का रास्ता चुना है। टोल प्लाजा कर्मचारियों ने लेबड़ से जावरा तक के 125 किमी हिस्से में दोनों तरफ पवित्र गंगा जल से छिड़काव किया गया है।

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    लेबड़-नयागांव फोरलेन पर गंगा जल छिड़काव

    लेबड़-नयागांव फोरलेन पर हादसों के बाद कई स्थान को ब्लैक स्पाट के रूप में चिन्हित किया जा चुका है। यहां सड़क हादसों को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए। मगर सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम नहीं लगाया जा सका। अब टोल प्लाजा कर्मचारी इस लेन पर गंगा जल का छिड़काव कर रही है। इसके लिए उत्तराखंड से पवित्र गंगा जल ट्रैक्टर में भर कर लाया गया और फोरलेन के दोनों हिस्सों यानी 250 किमी सड़क पर गंगा जल का छिड़काव किया गया।

    आत्माओं की शांति के लिए यज्ञ-हवन

    इतना ही नहीं दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए हवन किया। मृत लोगों की आत्मा शांति के लिए अनुष्ठान किया गया। उज्जैन से यज्ञाचार्य दीपक पांडया को आमंत्रित कर बोराली स्थित टोल प्लाजा पर भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना की गई। सुंदरकांड पाठ एवं एक कुंडीय हवन का आयोजन किया गया। इसमें टोल कंपनी के अधिकारियों व कर्मचारियों ने आत्म शांति के जाप किया। हालांकि फोरलेन कंपनी द्वारा हाल ही में टेक्नीशियनों की देखरेख में खराब सड़क, टूटे डिवाइडरों की मरम्मत, स्पीड ब्रेकर, संकेतक के लिए पुरजोर कवायद की थी।

    फोरलेन पर हर दिन 8 हजार वाहन गुजरते हैं

    जानकारी के मुताबिक, इस फोरलेन पर हर दिन 24 घंटे में करीब आठ हजार वाहन गुजरते हैं। वैसे तो यह मार्ग करीब 300 किमी लंबा है, किंतु जावरा से लेबड़ तक के 125 किमी क्षेत्र में दुर्घटनाओं का सिलसिला निर्माण के बाद से ही लगातार जारी है। कुछ दिन पहले ही सातरूंडा चौराहे पर बस का इंतजार कर रही सवारियों को एक अनियंत्रित ट्रक ने रौंद दिया था। इस दुर्घटना में छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि 13 घायल हो गए थे। इसी तरह कुछ ऐसी दुर्घटनाएं भी हुईं, जिनमें तकनीकी खामी की कोई भूमिका नहीं थी।

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