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    घुड़सवार का एक्‍सीडेंट होने पर जख्‍मी हालत में दौड़कर घर पहुंचा घोड़ा, परिजन को घटनास्‍थल पर लाया; नहीं बच सकी जान

    Updated: Tue, 23 Apr 2024 07:59 AM (IST)

    Shivpuri News कहा जाता है एक बार को इंसान भले ही किसी को दगा दे जाए लेकिन अगर कि‍सी जानवर से आपकी दोस्‍ती है तो वह मरते दम तक उसे निभाता है। ऐसी ही एक घटना रविवार-सोमवार की रात्रि दिनारा थाना के अंतर्गत आने वाले गांव सेमरा में उस समय प्रकाश में आई। दरअसल एक सड़क दुर्घटना में घुड़सवार और घोड़ा दोनों घायल हो गए।

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    घोड़े ने मालिक के दुर्घटना में घायल होने की परिजन को दी जानकारी। (फाइल फोटो)

    जेएनएन, शिवपुरी।  MP News: कहा जाता है एक बार को इंसान भले ही किसी को दगा दे जाए, लेकिन अगर कि‍सी जानवर से आपकी दोस्‍ती है तो वह मरते दम तक उसे निभाता है।

    ऐसी ही एक घटना रविवार-सोमवार की रात्रि दिनारा थाना के अंतर्गत आने वाले गांव सेमरा में उस समय प्रकाश में आई। दरअसल, एक सड़क दुर्घटना में घुड़सवार और घोड़ा दोनों घायल हो गए।

    इसके बावजूद घायल घोड़ा अपने मालिक के घायल होने की जानकारी देने के लिए आधी रात को घुड़सवार के घर पहुंचा और घायल के स्वजन को जगाकर सड़क हादसे की जानकारी दी और उन्हें दुर्घटनास्थल तक ले गया, लेकिन घुड़सवार की उपचार के लिए ग्वालियर ले जाते समय मौत हो गई। पुलिस ने मामला कायम कर जांच शुरू कर दी है।

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    छोटा बेटा करता था घोड़े की देखभाल

    जानकारी के मुताबिक, गांव सेमरा के रहने वाले अच्छेलाल यादव के पास एक घोड़ा है, जिसकी देखभाल उनका बेटा अखिलेश करता था। वही उसे शादी-विवाह आदि समारोह में लेकर जाता था।

    यह भी पढ़ें - MP News: 'यहां के नटवरलाल तुम हो', अधिवक्‍ता ने हाईकोर्ट से की धोखाधड़ी तो जमकर लगी फटकार

    21 अप्रैल की शाम सात बजे अखिलेश कड़ोरा लोधी के रहने वाले मुकुंदी पाल की बेटी की शादी में बरात के लिए घोड़ा लेकर गया था। इसके बाद जब वह रात दो बजे के करीब वापस लौट रहा था तो घर से करीब आधे किलोमीटर की दूरी पर अज्ञात वाहन ने घोड़े सहित अखिलेश को टक्कर मार दी, जिससे हादसे में घोड़ा और अखिलेश गंभीर रूप से घायल हो गए और अखिलेश मौके पर ही गिर कर रह गया।

    घर पहुंचकर हिनहिनाने लगा घोड़ा

    घोड़े ने जब यह देखा तो वह जख्‍मी हालत में ही दौड़ते हुए घर पहुंचा और उसने जोर-जोर से हिनहिनाने लगा। घोड़े की आवाज सुनकर अखिलेश का भाई नरेश जागा और उसने जब घोड़े को हिनहिनाते हुए देख अनहोनी की आशंका हुई।

    इसके बाद घोड़ा हादसे की जगह की तरफ चल पड़ा और उसके पीछे से नरेश बाइक से पहुंचा। घटनास्थल पर जाकर देखा तो अखिलेश जख्‍मी हालत में पड़ा हुआ था।

    इसके बाद गांव के एक युवक की कार से अखिलेश को इलाज के लिए झांसी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन वहां बेहतर इलाज न हो पाने के कारण उसे ग्वालियर लेकर जा रहे थे तभी रास्ते में अखिलेश की मौत हो गई।