भोपाल में कांट्रेक्टर ने लगाई फांसी, ऑनलाइन बेटिंग एप के जाल में फंसकर हार गया था 30 लाख रुपये
भोपाल में एक कांट्रेक्टर ने ऑनलाइन एविएटर बेटिंग एप के जाल में फंसकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह इस एप पर 30 लाख रुपये हार गया था और कर्ज में डूब ...और पढ़ें

ठेकेदार ने ऑफिस में लगाई फांसी (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, भोपाल। ऑनलाइन एविएटर बेटिंग एप के जाल में फंसकर कर्ज में डूबे एक कांट्रेक्टर ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। वह लंबे समय से ऑनलाइन दांव लगा रहा था और इसका आदी हो चुका था। धीरे-धीरे उसने अपनी जमा-पूंजी गंवा दी। साथ ही कई लोगों से रुपये उधार लेकर कर्ज के दलदल में भी फंस गया।
बुधवार सुबह इसी बात से परेशान होकर वह अपने घर से निकला था। अनहोनी की शंका में उसके स्वजनों ने उसे दिनभर कई बार फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। दोस्त भी लगातार तलाश करते रहे। वहीं गुरुवार सुबह मिनाल शापिंग स्ट्रीट स्थित उसके आफिस में कालोनी के गार्ड ने उसे फांसी के फंदे पर लटका देखा।
मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने ऑनलाइन गेमिंग और कर्ज में डूबने से खुदकुशी की बात लिखी है। पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त कर जांच के लिए भेजा है। हालांकि जिस ऑफिस में उसका शव मिला था, उसका दरवाजा खुला पाए जाने के कारण पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।
रेलवे-पीडब्ल्यूडी के कांट्रेक्ट लेता था
पुलिस के अनुसार 32 वर्षीय शिवान गुप्ता शारदा नगर में रहता था और पेशे से कांट्रेक्टर था। वह सिविल, रेलवे और पीडब्ल्यूडी के ठेके लेता था। उसने अपने रिश्ते के भाई आदर्श के साथ मिनाल शापिंग स्ट्रीट के पास किराये से ऑफिस लिया था। शिवान लंबे समय से ऑनलाइन एविएटर बेटिंग एप पर दांव लगा रहा था। वह करीब 30 लाख रुपये एप पर हार चुका था।
इसके लिए उसने कई रिश्तेदारों से भी कर्ज लिया था। बुधवार सुबह करीब 11 बजे वह घर से निकला था। उसके दोस्त और स्वजनों ने दिन में कई बार फोन किया, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया था। वे रात में भी करीबी रिश्तेदारों के घरों में भी तलाश करते रहे। उधर गुरुवार सुबह करीब 5:30 बजे मिनाल शॉपिंग स्ट्रीट स्थित ऑफिस में गार्ड ने उनका शव फांसी के फंदे पर लटका देखकर पुलिस को सूचना दी।
मोबाइल-सुसाइड नोट की होगी जांच
थाना प्रभारी महेश लिल्हारे ने बताया कि मृतक का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है। मोबाइल की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि एविएटर गेम किस प्लेटफॉर्म पर खेला जा रहा था और इसमें पैसों का लेनदेन किस तरह से हुआ। इस मामले में साइबर पुलिस की मदद ली जा रही है। पुलिस सुसाइड नोट की जांच भी करवा रही है।
क्रैश बेस्ड जुआ है एविएटर, पहले भी कई युवा जान गंवा चुके
ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर तेजी से लोकप्रिय हो रहा एविएटर गेम दरअसल एक क्रैश-बेस्ड जुआ है, जो जल्दी रुपये कमाने का सपना दिखाकर फंसाता है। इस गेम में हवाई जहाज के उड़ने के साथ दांव की राशि बढ़ती जाती है, लेकिन समय पर कैश-आउट न करने पर पूरी रकम डूब जाती है। यह गेम पूरी तरह किस्मत और एल्गोरिदम पर आधारित है, जिसमें लंबे समय तक जीत संभव नहीं है। नर्मदापुरम के सोहागपुर में भी पिछले वर्ष इसी गेम के चलते कर्ज में डूबे युवक ने जान गंवाई थी। साथ ही उत्तरप्रदेश के लखनऊ और रायबरेली में भी ऐसे प्रकरण सामने आ चुके हैं।

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