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    MP में SIR का पहला चरण पूरा, 41 लाख से अधिक मतदाताओं के हटेंगे नाम, 23 दिसंबर को आएगी प्रारंभिक सूची

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 07:21 PM (IST)

    भोपाल में मतदाता सूची के शुद्धीकरण के लिए चलाए गए विशेष गहन पुनरीक्षण का पहला चरण पूरा हो गया है। 41 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे, जिनमें म ...और पढ़ें

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    डिजिटल डेस्क, भोपाल। मतदाता सूची के शुद्धीकरण के लिए चलाए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का पहला चरण गुरुवार रात बारह बजे पूरा हो गया। इसमें जिन मतदाताओं के गणना पत्रक जमा हुए, उसके आधार पर 23 दिसंबर को प्रारंभिक मतदाता सूची का प्रकाशन होगा।

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    चार श्रेणियों में बांटा

    41 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटेंगे। इन्हें चार श्रेणियों में बांटा गया है। 8.40 लाख मतदाता मृत, 2.50 लाख मतदाताओं की दोहरी प्रविष्टि, 8.40 लाख मतदाता अनुपस्थित और 22 लाख 50 हजार से अधिक मतदाता स्थानांतरित श्रेणी वाले हैं। इनके नाम प्रारूप सूची में नहीं होंगे। वहीं, नौ लाख से अधिक मतदाताओं की मैपिंग नहीं हो पाई है, यानी इन्होंने गणना पत्रक तो जमा किए मगर निर्धारित जानकारी नहीं दी। इन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा।

    दो बार बढ़ाई अवधि

    चुनाव आयोग ने मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दो बार SIR की समयावधि बढ़ाई। 27 अक्टूबर 2025 की स्थिति में 5,74,06,143 मतदाता थे। इन्हें गणना पत्रक जारी किए गए, जिनमें से 5,74,06,140 का डिजिटाइजेशन हुआ। जिनके गणना पत्रक अधूरे थे, उन्हें चिह्नित किया गया और कलेक्टर से लेकर बूथ लेवल आफिसर मैदान में उतरे।

    कई मतदाताओं के गणना पत्रक में सुधार करवाया गया। मृत, अनुपस्थित और स्थानांतरित मतदाताओं को भी खोजने का काम हुआ। इसमें कुछ उपलब्धि भी मिली। गुरुवार रात बारह बजे डिजिटाइजेशन के काम को बंद किया गया। मतदाताओं को मृत, अनुपस्थित, स्थानांतरित और दोहरी प्रविष्टि की श्रेणी में विभक्त किया गया है। सूत्रों के अनुसार इन चारों श्रेणियों में शामिल 41 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम प्रारूप सूची में नहीं आएंगे।

    जिनके नाम हटेंगे, उन्हें अवसर मिलेगा

    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि यदि किसी मतदाता को लगता है कि उसका नाम गलत हटाया गया है तो वह दावा कर सकता है। 23 दिसंबर को सूची के प्रारूप प्रकाशन यानी 23 दिसंबर के बाद वह नाम सूची में शामिल करने के लिए दावा कर सकता है। इसके लिए 22 जनवरी 2026 तक का समय मिलेगा। फार्म छह प्राप्त होने पर पात्रता की जांच रजिस्ट्रीकरण अधिकारी करेंगे। इसके लिए वह पात्रता संबंधी दस्तावेज भी मांग सकते हैं। यदि संतुष्ट हो जाते हैं तो नाम सूची में शामिल करने का आदेश पारित करेंगे। इसी तरह आपत्ति की प्रक्रिया भी होगी यानी किसी मतदाता के नाम पर किसी को आपत्ति है तो वह उसे दर्ज करा सकता है। इसकी भी जांच करके निर्णय लिया जाएगा।

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    नौ लाख से अधिक मतदाताओं को दिए जाएंगे नोटिस

    जिन नौ लाख से अधिक मतदाताओं ने गणना पत्रक अधूरे जमा किए हैं, उनके नाम प्रारूप मतदाता सूची में तो आएंगे पर उन्हें नोटिस जारी होंगे। दरअसल, इन्होंने केवल हस्ताक्षर करके गणना पत्रक जमा कर दिए। नियमानुसार डिजिटाइजेशन में इन्हें शामिल तो किया पर ये दावा-आपत्ति की प्रक्रिया पूरे होने तक आयोग द्वारा निर्धारित 11 दस्तावेजों में से एक प्रस्तुत कर देते हैं तो ही इनके नाम रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के संतुष्ट होने पर अंतिम सूची में शामिल किए जाएंगे।

    एसआइआर का पहला चरण पूरा हो गया है। गणना पत्रकों का डिजिटाइजेशन हो चुका है। इसमें मृत, दोहरी प्रविष्टि, अनुपस्थित और स्थानांतरित मतदाताओं की श्रेणी में 41 लाख से अधिक मतदाता हैं। लगभग नौ लाख ने निर्धारित जानकारी गणना पत्रक में नहीं दी है। 23 दिसंबर को मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन होगा। इसके बाद जो पात्र मतदाता हैं, वे फार्म छह भरकर नाम सूची में शामिल करने के लिए दावा कर सकेंगे। अंतिम सूची का प्रकाशन 21 फरवरी को होगा, तब पता लगेगा कि प्रदेश में कुल कितने मतदाता हैं।
    - आरपीएस जादौन, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्य प्रदेश।