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    MP में हर दूसरा बच्चा और हर तीसरी महिला एनीमिया की चपेट में, स्क्रीनिंग रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 03:07 PM (IST)

    मध्यप्रदेश में एनीमिया की स्थिति गंभीर है। एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम की रिपोर्ट के अनुसार, पांच वर्ष से कम उम्र के लगभग 50% बच्चे और 30% महिलाएं एन ...और पढ़ें

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    मप्र में बच्चे सर्वाधिक एनीमिया ग्रस्त।

    डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर एक गंभीर और हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है। एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम 2025-26 की ताजा स्क्रीनिंग रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में पांच वर्ष से कम उम्र के हर 10 में से 5 बच्चे (करीब 50 प्रतिशत) और हर 10 में से 3 महिलाएं (लगभग 30 प्रतिशत) एनीमिया से पीड़ित हैं। यह आंकड़े साफ संकेत देते हैं कि प्रदेश की बड़ी आबादी आज भी कुपोषण और असंतुलित खानपान की समस्या से जूझ रही है।

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    चिंताजनक हालात के बीच राहत की खबर भी

    इन चिंताजनक आंकड़ों के बीच एक सकारात्मक पहलू भी सामने आया है। एनीमिया मुक्त भारत अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश लगातार छह महीनों से देशभर में पहले स्थान पर बना हुआ है। यह उपलब्धि प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सतत मेहनत का परिणाम है, जो समय रहते एनीमिया की पहचान कर उपचार सुनिश्चित कर रहे हैं।

    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने इस सफलता को स्वास्थ्य विभाग की प्रतिबद्धता और टीमवर्क का नतीजा बताया है।

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    70 लाख से अधिक बच्चों की डिजिटल जांच

    वित्तीय वर्ष 2025-26 में ‘दस्तक अभियान’ के तहत प्रदेश में 70.62 लाख बच्चों की डिजिटल हीमोग्लोबिनोमीटर से जांच की गई। इनमें से 35.21 लाख बच्चों में एनीमिया की पुष्टि हुई, जिनका उपचार तुरंत शुरू कर दिया गया है।

    गर्भवती महिलाओं में भी गंभीर स्थिति

    रिपोर्ट के अनुसार, 9.42 लाख गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिंग में 3 लाख से अधिक महिलाएं मध्यम से गंभीर एनीमिया से ग्रस्त पाई गईं। इन्हें आयरन, सुक्रोज, आवश्यक दवाएं और जरूरत पड़ने पर रक्ताधान जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।

    एनीमिया सिर्फ कमजोरी नहीं, विकास में बाधा

    स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि एनीमिया केवल थकान या कमजोरी तक सीमित समस्या नहीं है, बल्कि यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में बड़ी बाधा बनता है। सरकार का लक्ष्य व्यापक जांच, समय पर इलाज और जागरूकता के माध्यम से मध्यप्रदेश को पूरी तरह एनीमिया मुक्त बनाना है।

    बचाव के लिए इनका करें सेवन

    पालक : आयरन और फोलेट का सबसे समृद्ध स्रोत।
    अंजीर व चुकंदर : रोजाना सेवन से तेजी से खून बढ़ता है।
    केला व शकरकंद : ऊर्जा के साथ-साथ पोटैशियम और मैग्नीशियम की कमी दूर करते हैं।
    लौकी : विटामिन्स और मिनरल्स का खजाना, जो कोलेस्ट्राल भी नियंत्रित रखती है।