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    राजा राम मोहन राय को 'अंग्रेजों का दलाल' कहने वाले MP के उच्च शिक्षा मंत्री अपने बयान से पलटे, मांगी माफी

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 01:03 PM (IST)

    मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने राजा राममोहन राय को 'अंग्रेजों का दलाल' कहने पर माफी मांगी है। विवाद बढ़ने पर उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि गलती से उनके मुंह से गलत शब्द निकल गए। उन्होंने राजा राममोहन राय का सम्मान करने की बात कही और पूर्ववर्ती सरकारों पर आदिवासी नायकों के इतिहास को हाशिए पर रखने का आरोप लगाया।

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    मप्र के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार।

    डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अपने उस बयान से पीछे हट गए हैं, जिसमें उन्होंने समाज सुधारक राजा राममोहन राय को 'अंग्रेजों का दलाल' कहा था। उनके इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया था। मामला तूल पकड़ता देख उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने रविवार को एक वीडियो जारी कर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी।

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    परमार ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि 'कल (शनिवार को) आगर में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती कार्यक्रम में उनके जीवन पर बोलते समय संदर्भों के क्रम में मुझसे गलती से राजा राममोहन राय के बारे में गलत शब्द निकल गए। इसके लिए मुझे अत्यंत दुख है और मैं प्रायश्चित करता हूं। राजा राममोहन राय एक प्रसिद्ध समाज सुधारक थे और मैं व्यक्तिगत रूप से उनका सम्मान करता हूं। त्रुटिवश यह बयान मेरे मुंह से निकल गया, जिसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं।'


    एक दिन पहले मंत्री ने यह कहा था

    दरअसल, आगर मालवा में आयोजित समारोह में मंत्री परमार ने राजा राममोहन राय को अंग्रेजों का समर्थक बताते हुए कहा था कि मिशनरी स्कूलों के जरिए अंग्रेज लोगों की आस्था बदलने का प्रयास कर रहे थे और इस साजिश में कई तथाकथित समाज सुधारक शामिल थे। इसी क्रम में उन्होंने राममोहन राय का नाम लिया था, जिसके बाद उनका यह बयान सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में तेजी से विवाद का विषय बन गया।

    यह भी पढ़ें- 'अंग्रेजों के दलाल थे राजा राम मोहन राय...', MP के शिक्षा मंत्री का विवादित बयान; वीडियो वायरल

    पूर्ववर्ती सरकारों पर साधा निशाना

    विवाद बढ़ने के बाद परमार ने वीडियो जारी कर गलती स्वीकार की और कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने असली आदिवासी नायकों और स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को हाशिए पर रखा, जबकि कई लोगों को गलत रूप में महान बताया गया। उन्होंने दोहराया कि उनका इरादा राजा राममोहन राय जैसे समाज सुधारक को अपमानित करने का नहीं था।