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    MP News: मोहन यादव का तंज, शून्य-बैलेंस खाता भी नहीं जानते थे मनमोहन सिंह; कांग्रेस ने किया पलटवार

    Updated: Sat, 05 Jul 2025 07:42 AM (IST)

    सीएम मोहन यादव ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि शून्य-बैलेंस खाता क्या होता है देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यह भी नहीं जानते थे। वह आरबीआइ के गवर्नर और वित्त मंत्री रहे बहुत बड़े अर्थशास्त्री थे विदेश की डिग्री थी लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा कि बिना पैसे के भी जीरो बैलेंस में बैंक में खाता खोला जा सकता है।

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    मोहन यादव का तंज, शून्य-बैलेंस खाता भी नहीं जानते थे मनमोहन सिंह (सांकेतिक तस्वीर)

    जेएनएन, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह पर तंज कसा। अपनी टिप्पणी में मुख्यमंत्री ने कहा कि शून्य-बैलेंस खाता क्या होता है, देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यह भी नहीं जानते थे। वह आरबीआइ के गवर्नर और वित्त मंत्री रहे, बहुत बड़े अर्थशास्त्री थे, विदेश की डिग्री थी, लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा कि बिना पैसे के भी जीरो बैलेंस में बैंक में खाता खोला जा सकता है।

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    हालांकि, नरेन्द्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने, उन्होंने यह बात सोची और जीरो बैलेंस में खाते खुलवाए। उनके कार्यकाल में डीबीटी का शुभारंभ हुआ, जिससे शासन की कार्यशैली में व्यापक स्तर पर पारदर्शिता आई है।

    मोहन यादव ने पीएम मोदी की तारीफ की

    यह टिप्पणी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को भोपाल में मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप क्रय के लिए धनराशि वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए की। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को वित्तीय जादूगर कहा जाता है, वह एक सामान्य लेकिन परिवर्तनकारी विचार की सिफारिश तक नहीं कर सका।

    प्रधानमंत्री मोदी एक चाय वाले थे, लेकिन उन्होंने वह कर दिखाया, जो बड़े-बड़े अर्थशास्त्री नहीं कर सके। शून्य-बैलेंस खातों की अवधारणा ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) की नींव रखी, जिससे लाभ सीधे गरीबों के खातों में पहुंचा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि मनमोहन सिंह कहते थे- गांवों में सड़क क्यों बनाएं, गांव के लोग तो बैलगाड़ी से चलते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू हुई। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना से देश की चारों दिशाओं को जोड़ गया।

    व्यवस्था को नीति नहीं, नीयत से ठीक किया

    मोहन यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी कहते थे- केंद्र सरकार एक रुपये भेजती है तो आम आदमी तक केवल 15 पैसे पहुंचता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस व्यवस्था को नीति नहीं, बल्कि नीयत से ठीक किया। वर्ष 2013 से पहले इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया था। अब 25 हजार रुपये सीधे मेधावी विद्यार्थियों के खातों में पहुंचे हैं। यह बदलाव की असल तस्वीर है।

    कांग्रेस ने किया पलटवार, कहा- यह मनमोहन का अपमान

    मुख्यमंत्री मोहन यादव की टिप्पणी पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव को यह पता होना चाहिए कि डॉ. मनमोहन सिंह ने इस देश की आर्थिक दशा को नई दिशा दी है। पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद किसी ने आर्थिक क्रांति लाई तो वह मनमोहन सिंह थे।

    दुनियाभर के अर्थशास्त्री और राजनेता मनमोहन का जो सम्मान करते थे, उसका ज्ञान शायद मुख्यमंत्री को नहीं है। मोदी के प्रति उनका आदर स्वाभाविक है, लेकिन मनमोहन का अपमान करना, उनके मुख्यमंत्री पद की गरिमा को गिराता है।