'खाने-पीने के लाले थे', MP में सरेंडर करने वाले माओवादियों ने बताई अंदर की बात; पुलिस को ड्रोन निगरानी का मिला फायदा
मध्य प्रदेश पुलिस ने 13 माओवादियों के आत्मसमर्पण के बाद उनसे पूछताछ की है। माओवादियों ने बताया कि ग्रामीणों के असहयोग, खाने-पीने की कमी और पुलिस के बढ ...और पढ़ें
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MP में सरेंडर करने वाले माओवादियों ने बताई अंदर की बात (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश पुलिस के सामने समर्पण करने वाले 13 माओवादियों से वह पूछताछ कर रही है। माओवादियों ने बताया है कि लगभग दो वर्ष से ग्रामीण सहयोग नहीं कर रहे थे। खाने-पीने के लाले पड़ जाते थे। पुलिस का दबाव बहुत बढ़ गया था।
ड्रोन से निगरानी के चलते छुपकर रह पाना बहुत ही मुश्किल हो गया था। इसी बीच हमारे बड़े नेताओं ने दूसरे राज्यों में समर्पण कर दिया, जिससे हम भी मजबूर हो गए थे।बता दें कि लगभग छह माह पहले बालाघाट के रासीमेटा गांव के लोगों ने माओवादियों को राशन और अन्य सामग्री देने से मना कर दिया था, जबकि माओवादी रही संगीता का यह गांव है।
यहां के लोग हमेशा डर में आकर माओवादियों का सहयोग करते थे। पुलिस ने रणनीति के तहत गांव में चौकी बना दी। इससे गांव के लोगों में सुरक्षा का भरोसा बढ़ा और उन्होंने सहयोग से इन्कार कर दिया। यह देख अन्य गांवों के लोगों ने भी यही कदम उठाया।
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ अभी जारी रहेगी। इनके बाद दूसरे राज्यों में समर्पण करने वाले प्रदेश के माओवादियों को मध्य प्रदेश लाकर पूछताछ की जाएगी। पूछताछ में पुलिस का सबसे अधिक जोर इस बात पर है कि माओवादियों ने जंगल में हथियार कहां-कहां छिपा रखे हैं।
माओवादियों ने कई स्थानों पर जमीन के भीतर हथियार दबा दिए थे, जिसे बरामद किया जा रहा है। इसके लिए समर्पण करने वाले माओवादियों को जंगल में ले जाया जा रहा है। कान्हा भारेमदेव डिवीजन के माओवादियों ने बड़ी संख्या में हथियार जंगल में दबाए थे, जिन्हें उनके बताए अनुसार निकलवाया गया है।

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