साइबर ठगी के लिए छह महीने में बेच दीं 250 सिम, सड़क पर लगाता था कैंप; पुलिस ने शख्स को किया गिरफ्तार
आरोपित पिछले छह महीने में साइबर ठग को दो हजार रुपये प्रति सिम की दर से 250 से अधिक सिम बेच चुका था। वह कैंप लगाकर सूरत और उसके आसपास के इलाकों में सिम बेचता था। भोपाल साइबर क्राइम ने पिछले दिनों शेयर बाजार के नाम पर हुई नौ लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में यह कार्रवाई की है।

जेएनएन, भोपाल। शेयर बाजार में निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह के छठवें सदस्य को भोपाल साइबर क्राइम पुलिस ने गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया है। आरोपित पिछले छह महीने में साइबर ठग को दो हजार रुपये प्रति सिम की दर से 250 से अधिक सिम बेच चुका था। वह कैंप लगाकर सूरत और उसके आसपास के इलाकों में सिम बेचता था।
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ग्राहकों को ऐसे लगाता था चूना
इस दौरान सिम खरीदने या पोर्ट कराने के लिए पहुंचने वाले ग्राहकों का केवाईसी सत्यापन करने के दौरान सिम एक्टिवेट कर लेता था, जबकि ग्राहकों को वह तकनीकी समस्या बताकर सिम देने से इनकार कर देता था। भोपाल साइबर क्राइम ने पिछले दिनों शेयर बाजार के नाम पर हुई नौ लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में यह कार्रवाई की है।
इससे पहले पुलिस ठगी में प्रयुक्त बैंक खातों के धारक और उन खातों को कमीशन पर बेचने वाले कुल पांच आरोपितों को सूरत और शिवपुरी से गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं लोगों को फोन कर उन्हें साइबर ठगी के जाल में फंसाने वाले इस गिरोह का मास्टरमाइंड अब भी फरार है।
छह महीने पहले हुआ था ठगी के मास्टरमाइंड से संपर्क
एसआइ सुनील रघुवंशी ने बताया कि आशुतोष कुमार (22) मूलत: बिहार में कटिहार जिला के सेमपुरा में ग्राम दुर्गापुर कुशवाहा टोला का रहने वाला है। वह वर्तमान में सूरत में ओलपाड की साईं रेसिडेंसी में रहता था। आरोपित दो वर्ष पहले बिहार से सूरत काम की तलाश में आया था और वहां पीओएस एजेंट के रूप में कैंप लगाकर सिम बेचने का काम करता था।
सिम जुटाने के लिए ग्राहकों को धोखा दिया
करीब छह महीने पहले उसका साइबर ठग से संपर्क हुआ था। ठग ने आशुतोष को बताया कि उसे ज्यादा सिमों की जरूरत होती है और वह दो हजार रुपये प्रति सिम के हिसाब से उससे सिम खरीद लेगा। इस पर आरोपित ने सिम जुटाने के लिए ग्राहकों को धोखा देना शुरू किया।

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