मध्य प्रदेश सरकार ने बेरोजगार युवाओं को 'आकांक्षी यूथ' बताया, कांग्रेस ने की आलोचना
मध्य प्रदेश सरकार ने बेरोजगार युवाओं को आकांक्षी युवा का नाम दिया जिससे विपक्षी कांग्रेस ने सरकार पर बेरोजगारों का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया। सरकार का कहना है कि यह नाम उन्हें स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए प्रेरित करने के लिए है। वहीं कांग्रेस ने इसे सरकार की विफलता बताते हुए रोजगार न मिलने की समस्या पर सवाल उठाए।

पीटीआई, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से राज्य के बेरोजगार युवाओं को 'आकांक्षी युवा' (Aspirational Youth) का लेबल दिए जाने की विपक्षी कांग्रेस ने आलोचना की है। पार्टी ने सरकार पर बेरोजगार लोगों का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया है।
राज्य के रोजगार पोर्टल ने मध्य प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की संख्या सूचीबद्ध करते समय 'आकांक्षी युवा' शब्द का इस्तेमाल किया और उनकी संख्या 29.37 लाख से अधिक बताई है। वहीं तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री गौतम टेंटवाल ने शनिवार को कहा कि आकांक्षी युवा के पीछे सरकार की सोच यह है कि सरकारी या गैर सरकारी नौकरियों में कार्यरत युवा उच्च पद पाने की आकांक्षा रखें और बेरोजगार युवा नौकरी की आकांक्षा रखें और सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण कराएं।
भाजपा ने सरकार का किया बचाव
सरकार के इस कदम का बचाव करते हुए भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा, "मध्य प्रदेश और देश में भारतीय जनता पार्टी सरकार का प्रयास रोजगार यानी स्वरोजगार उपलब्ध कराना है। इसीलिए राज्य सरकार ने एक विशाल वैश्विक निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया, जहां रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं।"
"आकांक्षी युवा एक अलग भावना को जागृत करते हैं, जो अपनी प्रतिभा और कौशल विकास के आधार पर स्वरोजगार" का विचार है।" पंकज चतुर्वेदी, भाजपा प्रवक्ता
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में इस बात पर जोर दिया कि बेरोजगारी को केवल सरकारी नौकरियों के जरिए खत्म नहीं किया जा सकता है।
हाल ही में जारी एक सरकारी विज्ञाप्ति में कहा गया है, "भारत की आबादी 145 करोड़ है, ऐसे देश में सरकारी नौकरियों का अनुपात एक प्रतिशत से अधिक नहीं है। यहां तक कि देश के सबसे बड़े नियोक्ता, सेना, नौसेना और वायु सेना सहित सशस्त्र बल, केवल 13 लाख लोगों को रोजगार देते हैं।" इसमें कहा गया है कि राज्य आत्मनिर्भरता और उद्यमिता के जरिए आकांक्षी युवाओं को रोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रहा है।
विज्ञप्ति में कहा गया है, "अब से राज्य में बेरोजगार युवाओं को 'आकांक्षी युवा' कहा जाएगा।" मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलनों के माध्यम से मध्य प्रदेश को 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन निवेशों से 21 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा। साथ ही, युवाओं को कृषि, पशुपालन और कौशल आधारित उद्यमों में भी लगाया जाएगा।
कांग्रेस ने की सरकार की आलोचना
इस मामले में कांग्रेस ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए बेरोजगार युवाओं का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया है। मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने कहा, "शिक्षित युवा जिनके पास योग्यता होने के बावजूद कोई काम नहीं है, वे 'बेरोजगार' हैं!"
उन्होंने हिंदी में लिखे पोस्ट में लिखा कि चूंकि मध्य प्रदेश सरकार कई आश्वासनों के बावजूद उन्हें रोजगार देने में असमर्थ है, इसलिए उसने "आकांक्षी युवा" नाम का नया शब्द गढ़कर उनकी लाचारी का मजाक उड़ाया है।
"कोई मोहन यादव सरकार से पूछे कि वह बेरोजगारों को महत्वाकांक्षी युवा कहकर क्या साबित करना चाहती है?" उमंग सिंघार, कांग्रेस नेता
सिंघार ने कहा कि उपनिरीक्षक, सूबेदार, लेखाकार और उप-लेखा परीक्षकों की भर्तियां आठ साल से लंबित हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर अपनी कमियों को छिपाने के लिए बेरोजगार युवाओं के जीवन से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेता ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अपनी अक्षम सरकार को छिपाने के लिए स्थानों और संस्थानों के नाम बदल रही है। उन्होंने कहा कि व्यापम विवाद (पेशेवर पाठ्यक्रमों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में भर्ती में कथित घोटाला) के बाद सरकार ने संस्थान का नाम बदलकर एमपी कर्मचारी चयन बोर्ड कर दिया, लेकिन राज्य में बेरोजगारी दर को कम करने के लिए कुछ खास नहीं किया गया।
सिंघार ने कहा कि इस तरह की रणनीतियां दिखावा हैं और सरकार को राज्य में बेरोजगारी दर को कम करने के लिए गंभीरता से कुछ करना चाहिए।
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