इंदौर में बनेंगे तीन ग्रीन कॉरिडोर; भेजे गए किडनी, लीवर और फेफड़े, हाथ भेजने में आ रही परेशानी
इंदौर में आज सुबह 11.30 बजे तक तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए जाएंगे। ब्रेनडेथ मरिज की किडनी फेफड़े लीवर और हाथ का प्रत्यारोपन किया जाएगा। बताया जा रहा है ये तीन ग्रीन कॉरिडोर हैदराबाद मुम्बई और चेन्नई के लिए बनेंगे।
इंदौर, ऑनलाइन डेस्क। इंदौर में सोमवार सुबह आठ बजे तक एक साथ तीन ग्रीन कारिडोर बनाए जाने थे। बताया जा रहा है कुछ तकनीकी कारणों की वजह से अब यह सुबह 11.30 बजे तक बन सकेंगे। दरअसल, 52 वर्षीय विनीता खजांची की ब्रेनडेथ के बाद उनके परिजनों ने उनके अंगदान का निर्णय लिया है। बीते रविवार दोपहर करीब डेढ़ बजे उन्हें पहली बार और फिर रात करीब साढ़े आठ बजे उन्हें दूसरी बार ब्रेनडेथ घोषित कर दिया गया था।
दरअसल, मरीज को जब पहली बार ब्रेनडेथ घोषित किया गया उसके बाद से ही मुस्कान ग्रुप के सदस्य जीतू बागानी और उनकी टीम मरीज के परिजनों से संपर्क में थे और जब उन्हें दूसरी बार ब्रेनडेथ घोषित किया गया तब ग्रुप के लोगों ने मरीज के परिजनों को अंगदान के लिए मना लिया। बताया जा रहा है खजांची की दोनों किडनियां, लीवर, फेफड़े और एक हाथ दान किया जाना है। इसके लिए सोमवार को एक साथ तीन ग्रीन डोर बनाए जाने थे ।
किडनी, लीवर, फेफड़े और एक हाथ होगा ट्रांसप्लांट
मरीज रतलाम कोठी की निवासी थी, अचानक 13 जनवरी को इनका ब्रेन हेमरेज हो गया। इसके बाद उन्हें बॉम्बे अस्पताल में भर्ती किया गया था। इसके बाद रविवार को डॉक्टरों ने पहली बार उन्हें ब्रेनडेथ घोषित कर दिया। ब्रेनडेथ घोषित होन के बाद मरीज के परिजन इनका अंगदान करने के लिए मान गए। बताया जा रहा है महिला की एक किडनी सीएचएल अस्पताल, दूसरी किडनी बॉम्बे अस्पताल, लीवर चेन्नई के एक अस्पताल, फेफड़े हैदराबाद के एक अस्पताल और एक हाथ मुंबई में भर्ती मरीज के लिए भेजा जाना है। इन सबके लिए सुबह 8 बजे मुम्बई में तीन ग्रीन कॉरिडोर बनने थे, जो अब 11.30 बजे बनेंगे।
हाथ को चार घंटे में प्रत्यारोपित करना एक चुनौती
डॉक्टरों का कहना है कि हाथ के प्रत्यारोपन के लिए चार घंटे का समय है। ऐसे में हाथ को सही अवस्था में सही जगह पहुंचा कर प्रत्यारोपन करना एक चुनौती भरा काम है। यह हाथ मुम्बई के ग्लोबल अस्पताल में पहुंचाना है जिसके लिए अस्पताल से लगातार संपर्क किया जा रहा है ताकि समय पर प्रत्यारोपण हो सकें। मिली जानकारी के मुताबिक किडनी, लीवर और फेफड़ो को पहले ही प्रदेश के बाहर भेजा जा चुका है। आपको बता दें, पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसी ब्रेनडेथ मरीज का हाथ प्रत्यारोपण करने के लिए प्रदेश के बहर भेजा रहा है। यह हाथ मुम्बई के ग्लोबल अस्पताल में भर्ती किशोरी को लगाया जाना है।
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