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India vs Bharat: इंडिया बनाम भारत विवाद के बीच इंदौर नगर निगम का फैसला, अब पत्राचार में होगा ये बदलाव

इंडिया बनाम भारत विवाद के बीच इंदौर नगर निगम ने अपने पत्राचार में इंडिया नाम के स्थान पर भारत का उपयोग करने का फैसला किया है। यह निर्णय शुक्रवार को महापौर परिषद की बैठक में लिया गया है। इस संबंध में प्रस्तुत प्रस्ताव को सभी सदस्यों ने अपनी मंजूरी भी दे दी है। बीते दिनों ऐसे कयास लग रहे थे कि केंद्र सरकार देश का नाम बदल देगी।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghPublished: Sat, 23 Sep 2023 10:02 AM (IST)Updated: Sat, 23 Sep 2023 10:02 AM (IST)
इंडिया बनाम भारत विवाद के बीच इंदौर नगर निगम का फैसला

इंदौर (मध्य प्रदेश), ऑनलाइन डेस्क। देश में बीते दिनों इंडिया बनाम भारत का विवाद जोरों पर था। कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि केंद्र की मोदी सरकार इंडिया का नाम बदलकर भारत कर सकती है। जिसका कारण विपक्ष द्वारा अपने अलायंस का नाम I.N.D.I.A. रखना बताया जा रहा था। लेकिन सरकार के कई मंत्रियों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया था।

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वहीं, अब मिली जानकारी के अनुसार, इंदौर नगर निगम की कार्रवाई और पत्राचार में इंडिया नाम के स्थान पर भारत का उपयोग किया जाएगा। यह निर्णय शुक्रवार को महापौर परिषद की बैठक में लिया गया है। इस संबंध में प्रस्तुत प्रस्ताव को सभी सदस्यों ने अपनी मंजूरी भी दे दी है।

महिलाओं के नेतृत्व में विकास को मिलेगी गति- भार्गव

परिषद की बैठक में महिला आरक्षण बिल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने के लिए धन्यवाद प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इस बिल से महिलाओं के नेतृत्व में विकास को अभूतपूर्व गति मिलेगी।

इस दौरान बैठक में महापौर परिषद सदस्य राजेंद्र राठौर, निरंजन सिंह चौहान, अश्विनी शुक्ल, नंद किशोर पहाड़िया, राजेश उदावत, जीतू यादव, प्रिया डांगी, मनीष शर्मा, अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर आदि उपस्थित थे।

भारत बनाम इंडिया विवाद

बीते दिनों भारत में आयोजित हुए G20 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत आने वाले सभी विदेशी नेताओं को रात्रिभोज के लिए आमंत्रण भेजा था। इस आमंत्रण पत्र में 'इंडिया के राष्ट्रपति' की जगह 'भारत के राष्ट्रपति' टाइटल का इस्तेमाल किया गया था। जिसके बाद से भारत और इंडिया नाम को लेकर विपक्षी नेताओं की अलग-अलग तरह की बयानबाजी सामने आई थी।

वहीं, दूसरी ओर G20 की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखी नेमप्लेट में भी इंडिया की जगह भारत नाम लिखा गया था। जिसके बाद इसकी फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी और इस पर लोगों की अलग अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं और इस मामले ने तूल पकड़ ली थी।

जयशंकर ने विपक्ष को दी थी संविधान पढ़ने की सलाह

बता दें कि जी-20 शिखर सम्मेलन के निमंत्रण पत्र पर 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' के स्थान पर 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखे जाने पर सबसे पहले कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई। जिसके बाद अन्य विपक्षी दल भी यह कहते हुए हमलावर हो गए कि भाजपा विपक्षी गठबंधन के नाम I.N.D.I.A (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) से डर गई है। बल्कि यह भी कहा कि सरकार देश का नाम बदलने जा रही है।

जिसके बाद इस मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि संविधान में इंडिया दैट इज भारत का उल्लेख है। उन्होंने कहा कि 'भारत' शब्द का अर्थ संविधान में भी परिलक्षित होता है। एस जयशंकर ने आगे कहा कि इंडिया दैट इज भारत, यह संविधान में है। मैं सभी को इसे पढ़ने का आग्रह करता हूं।  

जयशंकर ने आगे कहा कि यह पहले ही हो जाना चाहिए था। इससे मन को बहुत संतुष्टि मिलती है। 'भारत' हमारा परिचय है। हमें इस पर गर्व है। राष्ट्रपति ने 'भारत' को प्राथमिकता दी है। यह औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आने वाला सबसे बड़ा बयान है।

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