भारत को बोत्सवाना से मिलने वाले हैं आठ और चीते, अब कुनो नहीं इस खास जगह रखा जाएगा
दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना से आठ चीतों को दो चरणों में मध्यप्रदेश लाया जाएगा। मई के महीने में चार चीते आएंगे फिर इसके बाद चार और चीतों को भारत लाया जाएगा। राजस्थान की सीमा से सटे गांधी सागर अभयारण्य में चीतों को लाया जाएगा और उन्हें चरणबद्ध तरीके से बसाया जाएगा। कुनो राष्ट्रीय उद्यान में 26 चीते हैं जिनमें से 16 खुले जंगल में और 10 पुनर्वास केंद्र में हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना से आठ चीतों को दो चरणों में मध्यप्रदेश लाया जाएगा। मई के महीने में चार चीते आएंगे, फिर इसके बाद चार और चीतों को भारत लाया जाएगा। प्रोजेक्ट चीता के तहत अब गांधी सागर अभयारण्य में भी चरणबद्ध तरीके से स्थानांतरित किया जाएगा।
चीता प्रोजेक्ट में 112 करोड़ रुपये हुए खर्च
शुक्रवार को भोपाल में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की उपस्थिति में चीता परियोजना की समीक्षा बैठक हुई।
एनटीसीए अधिकारियों ने बताया की प्रोजेक्ट चीता के तहत अभी तक 112 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। इन पैसों में से 67 प्रतिशत मध्यप्रदेश में चीता पुनर्वास में खर्च किया गया है।
गांधी सागर अभयारण्य लाए जाएंगे चीते
राजस्थान की सीमा से सटे गांधी सागर अभयारण्य में चीतों को लाया जाएगा और उन्हें चरणबद्ध तरीके से बसाया जाएगा। मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच अंतरराज्यीय चीता संरक्षण क्षेत्र स्थापित करने के लिए सहमति बन गई है।
मध्यप्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में 26 चीते हैं, जिनमें से 16 खुले जंगल में और 10 पुनर्वास केंद्र में हैं। अधिकारियों ने बताया कि चीतों का ध्यान रखने के लिए और उन्हें मॉनिटर करने के लिए सैटेलाइट कॉलर आईडी का उपयोग करके 24 घंटे ट्रैकिंग की जाती है।
24 घंटे निगरानी में रहते हैं चीते
अधिकारियों ने बताया कि मादा चीता ज्वाला, आशा, गामिनी और वीरा ने शावकों को जन्म दिया है। इसके साथ ही कुनो में पर्यटकों की संख्या दो साल में दोगुनी हो गई है।
बता दें, पांच मादा और तीन नर सहित आठ चीतों को 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से लाकर कुनो में छोड़ा गया था। अधिकारियों ने बताया कि 2023 में 12 और चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाकर कुनो में स्थानांतरित किया गया है।
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