Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    MP News: सागर में दो मोहल्लों से लगातार पलायन कर रहे हिंदू परिवार, बार-बार विवाद बना कारण

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 11:30 PM (IST)

    मध्य प्रदेश के सागर जिले में, शुक्रवारी और शनिचरी मोहल्लों से हिंदू परिवारों का पलायन चिंताजनक है। मुस्लिम आबादी बढ़ने और माहौल बदलने के कारण कई परिवार पलायन कर गए हैं। तंग गलियों में मांस की दुकानें और विवादों के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। कुछ लोगों को डर के कारण अपने घर कम कीमत पर बेचने पड़े। प्रशासन ने कुछ कार्रवाई की, लेकिन समस्या अभी भी बनी हुई है।

    Hero Image

    सागर में दो मोहल्लों से लगातार पलायन कर रहे हिंदू परिवार (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में सागर के शुक्रवारी और शनिचरी मोहल्लों से हिंदू परिवारों के पलायन का एक जैसा पैटर्न रहा है। सामने आ रहा है कियहअचानक नहीं हुआ। पिछले पांच-छह वर्षों में पलायन की प्रवृत्ति तेज हुई है

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पलायन कर चुके परिवारों ने बताया कि मुस्लिम आबादी बढ़ जाने के बाद माहौल ही बदल गया। मोहल्ले की गलियों में मस्जिद, मदरसे, मांस की दुकानें और कबाड़ का काम शुरू हो गया। जगह संकरी होने के साथ राह चलते मुस्लिम वर्ग के लोग विवाद करने लगे।

    क्यों पलायन कर रहे हिंदू परिवार

    भीड़ मारने-पीटने पर उतारू होने लगी। रोज की मुश्किलों से तंग आकर हिंदू परिवारों ने पलायन करना शुरू कर दिया। मध्य प्रदेश के सागर जिला मुख्यालय पर मुस्लिम बहुल शुक्रवारी व शनिचरी मोहल्लों से पांच वर्षों में 68 हिंदू परिवारों के पलायन कर जाने का मामला सामने आया है।

    यहां प्रशासन ने फिलहाल हिदुओं की संपत्ति का पंजीयन किसी और को नाम करने पर रोक लगा दी है। यह मामला सामने आने के बाद पीडि़तों से बातचीत की गई। अभी तिली क्षेत्र में रहने वाले उमाशंकर शर्मा बताते हैं कि 2023 में उन्हें पैतृक घर बेचकर यहां आना पड़ा।

    कुछ वर्ष पहले वहां माहौल एकदम से बदल गया। अक्सर लोग विवाद कर लेते। 2021 में तो एक बार भीड़ ने उनका घर घेर लिया। उस घटना ने परिवार को एकदम से डरा दिया। मुस्लिम समुदाय की वजह से घर का कोई खरीददार भी नहीं मिल रहा था। मजबूरी में 25 लाख का मकान केवल साढ़े पांच लाख रुपये में बेचकर हटना पड़ा।

    कभी शनिचरी चौगना में रहने वालीं कंचन रैकवार अब मकरोनिया में किराये का मकान लेकर रहती हैं। उनके पति का निधन हो चुका है। वह दो बेटियों और एक बेटे की अकेली अभिभावक हैं। ऐसे विवादों की वजह से उन्हें बच्चों के लिए खतरा महसूस होने लगा था। उन्होंने वह मकान बेच दिया, जिसे उनके पति ने बनवाया था।

    मकानों पर लगे हैं बिकाऊ के पोस्टर

    जिन परिवारों ने मकान बेचकर पलायन किया, वे तो रिकार्ड पर हैं। लेकिन बहुत से ऐसे परिवार हैं, जिनका मकान नहीं बिक पाया है, लेकिन वे पलायन कर गए हैं। ऐसे मकानों में ताला लगा है। शनिचरी, शुक्रवारी वार्ड के 15 से अधिक मकानों के बाहर 'बिकाऊ है' पोस्टर लगा है।

    बंद कराई मांस-मछली की दुकानें फिर खुलीं

    राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से आए पत्र के बाद प्रशासन ने शुक्रवारी-शनिचरी मोहल्लों में कार्रवाई की थी। सुबह से बजने वाले लाउडस्पीकर को उतरवा दिया था। खुले में मांस, मछली बेचने वाली दुकानों को बंद करा दिया था। कुछ दिन बाद वे दुकानें फिर से खुल गईं।

    हिंदू जागरण मंच के प्रांतीय सदस्य डॉ. उमेश सराफ ने कहा, "यहां के हिंदू परिवारों से बात हुई है। उनका कहना है कि घर के बाहर अनावश्यक भीड़ लगाना, जन्मदिन का जश्न मनाना, डीजे बजाने जैसी हरकतें आए दिन की बात हैं। विरोध करने पर भद्दी टिप्पणी की जाती है। लव जिहाद के भी प्रकरण सामने आए हैं। यही कारण है कि हिंदू परिवार पलायन कर रहे हैं"

    'जल्द लौटूंगी अपने देश', दिल्ली से शेख हसीना का बड़ा एलान; बांग्लादेश में सियासी भूचाल