'जल्द लौटूंगी अपने देश', दिल्ली से शेख हसीना का बड़ा एलान; बांग्लादेश में सियासी भूचाल
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि आवामी लीग पर लगे प्रतिबंध के कारण समर्थक चुनाव का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने ऐसी सरकार के तहत लौटने से इनकार किया जो उनकी पार्टी को बाहर रखे। हसीना ने आरोपों को राजनीतिक बदला बताया और कहा कि उनकी पार्टी देश की राजनीति में वापस आएगी, चाहे सत्ता में हो या विपक्ष में। उन्होंने संविधान का पालन होने पर लौटने की बात कही।

दिल्ली से शेख हसीना का बड़ा एलान (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि उनकी पार्टी आवामी लीग पर लगे चुनावी प्रतिबंध के कारण करोड़ों समर्थक अगले साल के आम चुनाव का बहिष्कार करेंगे। 78 वर्षीय हसीना ने नई दिल्ली से रॉयटर्स को दिए अपने पहले बयान में कहा कि वे ऐस सरकार के तहत बांग्लादेश नहीं लौटेंगी, जो आवामी लीग को बाहर रखकर बनी हो।
शेख हसीना अगस्त 2024 में छात्र आंदोलों के हिंसक विरोध के बीच भारत आ गई थीं, जिसके बाद उन्हें सत्ता से हटा दिया गया था। फिलहाल, बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार काम कर रही है, जिसने फरवरी 2026 में चुनाव कराने का वादा किया है।
बांग्लादेश में कितने पंजीकृत मतदाता हैं?
शेख हसीना ने कहा, "आवामी लीग पर प्रतिबंध अन्यायपूर्ण और आत्मघाती कदम है। अगर करोड़ों समर्थक वोट नहीं डालेंगे तो लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर होगी।" बांग्लादेश में करीब 12.6 करोड़ पंजीकृत मतदाता है। लंबे समय से आवामी लीग और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी(BNP) देश की राजनीति में प्रमुख प्रतिद्विंदी रही हैं।
अंतरिम सरकार ने मई 2025 में आवामी लीग का पंजीकरण निलंबित कर दिया था और पार्टी की गतिविधियां 'राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे' बताकर रोक दी थीं। हसीना ने कहा कि वे किसी अन्य दल को समर्थन देने की अपील नहीं करेंगी, बल्कि उम्मीद करती हैं कि सरकार पुनर्विचार कर पार्टी को चुनाव में उतरने देगी। इस बीच, बांग्लादेश के युद्ध अपराध न्यायाधिकरण ने उनके खिलाफ मानवता विरोधी अपराधों के मामले की सुनवाई पूरी कर ली है। 13 नवंबर को फैसला आने की उम्मीद है।
शेख हसीना पर क्या है आरोप?
हसीना पर आरोप है कि उन्होंने 2024 के छात्र आंदोलनों के दौरान हिंसक कार्रवाई और गायब किए जाने की घटनाओं की जिम्मेदारी ली थी। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई से अगस्त 2024 के बीच करीब 1400 लोगों की मौत हुई थी, ज्यादातर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में। हसीना ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा, "ये मुकदमे राजनीतिक बदले की कार्रवाई हैं, जिनमें पहले से तय सजा सुनाई जाएगी। मुझे अपनी सफाई देने का पूरा मौका नहीं मिला।"
हसीना ने कहा कि उनकी पार्टी भविष्य में फिर से देश की राजनीति में लौटेगी, चाहे सत्ता में हो या विपक्ष में। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी परिवार या बेटा सजीब वाजेद के नेतृत्व पर कोई जोर नहीं है। नई दिल्ली में रह रही हसीना ने बताया कि वे सुरक्षा कारणों से सतर्क रहती हैं, लेकिन आम जीवन जीने की कोशिश करती हैं। उन्होंने कहा, "मैं तभी लौटूंगी जब संविधान का पालन और कानून व्यवस्था बहाल हो जाएगी।"
थम गई हिंसा लेकिन तनाव बरकरार
हसीना के देश छोड़ने के बाद आवामी लीग समर्थकों पर हमले हुए, हालांकि फिलहाल हालात शांत हैं। हाल ही में राज्य सुधार चार्टर पर हस्ताक्षर के दौरान फिर झड़पें हुईं, जिससे माहौल एक बार फिर तनावपूर्ण हो गया है।

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