Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'धार्मिक चीज में अश्लीलता और फूहड़ता नहीं चलेगी', एल्विश यादव के गरबा इवेंट को लेकर बवाल

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 09:42 PM (IST)

    यूट्यूबर एल्विश यादव को हिंदूवादी संगठनों के विरोध के चलते अंबिकापुर से लौटना पड़ा। गरबा और डांडिया के नाम पर एल्विश यादव को होटल पर्पल ऑर्किड में आमंत्रित किया गया था जिसका हिन्दूवादी संगठनों ने विरोध किया। विरोध के कारण एल्विश यादव को वापस जाना पड़ा और आयोजकों को कार्यक्रम रद करना पड़ा।

    Hero Image
    अंबिकापुर में एल्विश यादव के इवेंट को लेकर मचा बवाल।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदूवादी संगठनों के भारी विरोध के कारण यूट्यूबर एल्विश यादव को अंबिकापुर से वापस लौटना पड़ा। गरबा व डांडिया के नाम पर अंबिकापुर के होटल पर्पल ऑर्किड में आयोजकों ने एल्विश यादव को आमंत्रित किया था। इसे लेकर एक दिन पहले से ही शहर का माहौल गरमाया हुआ था। शनिवार सुबह से हिंदूवादी संगठनों से जुड़े युवा आयोजन का विरोध कर रहे थे। शाम को एल्विश यादव अंबिकापुर शहर भी पहुंचे थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आयोजन स्थल पर भी उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा। पुलिस को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करनी पड़ी। भारी विरोध को देखते हुए एल्विश यादव को वापस लौटना पड़ गया। इधर आयोजकों ने कार्यक्रम को रद्द कर दिया है।

    आयोजकों को लेकर 20 लाख रुपये का फटका

    एल्विश यादव को इस कार्यक्रम के लिए लगभग 20 लाख रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया गया था, लेकिन विरोध इतना तीव्र हो गया कि कार्यक्रम नहीं हो सका। आयोजकों ने भारी-भरकम शुल्क लेकर पास भी जारी किए थे, जिससे हजारों लोग गरबा देखने की तैयारी में थे। अचानक कार्यक्रम रद्द होने से पास खरीदने वालों और आयोजकों दोनों को निराशा का सामना करना पड़ा।

    अंबिकापुर से लौटना पड़ा वापस 

    नवरात्र पर्व पर अंबिकापुर के निजी होटलों में आयोजित गरबा-डांडिया कार्यक्रम को लेकर शुरू हुआ विवाद शनिवार को बड़ा रूप ले लिया। भारी विरोध और प्रदर्शन के चलते कार्यक्रम में आमंत्रित किए गए इंटरनेट मीडिया सेलिब्रिटी एल्विश यादव को शहर से वापस लौटना पड़ा।

    एल्विश यादव पर लगाया अश्लीलता फैलाने का आरोप

    हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने शहर के रिंग रोड स्थित होटल पर्पल आर्केड के बाहर जमकर नारेबाजी की और एल्विश यादव के पोस्टर जलाए। उनका कहना था कि गरबा एक धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा है, लेकिन आयोजक इसे व्यावसायिक रूप देकर फूहड़ता और अश्लीलता फैला रहे हैं।

    संगठनों ने कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपकर इस तरह के आयोजनों पर रोक लगाने की मांग की थी और चेतावनी दी थी कि आगे से ऐसे आयोजनों को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विरोध करने वाले संगठनों का कहना है कि धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

    यह भी पढ़ें- '8 अक्टूबर तक फरार पुलिस अफसरों को पकड़ें', देवा पारदी मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी