Diwali 2022: महाकाल मंदिर में 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी दीपावली, फुलझड़ी से की जाएगी आरती
उज्जैन के ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 24 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी। इस दिन अन्नकूट का भोग लगाकर फुलझड़ी से भगवान की आरती की जाएगी। ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा के मुताबिक कोई भी त्योहार सबसे पहले राजा के आंगन में मनाया जाता है।

भोपाल, जागरण आनलाइन डेस्क। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 24 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी। तड़के 4 बजे भस्म आरती में पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान महाकाल को केसर चंदन का उबटन लगाएंगी। इसके उपरांत भगवान महाकाल को गर्मजल से स्नान कराया जाएगा।
श्रृंगार के पश्चात अन्नकूट का महाभोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी। मंदिर की परंपरा अनुसार धनतेरस पर 23 अक्टूबर से दीपपर्व की शुरुआत होगी। तिथि क्षय होने के कारण इस बार चार के बजाय तीन दिवसीय उत्सव मनेगा।
पं.महेश पुजारी ने बताया ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा के मुताबिक कोई भी त्योहार सबसे पहले राजा के आंगन में मनाया जाता है। दीपावली भी कार्तिक अमावस्या की जगह कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन तड़के 4 बजे भस्म आरती में मनाई जाती है।
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सोने-चांदी के आभूषण से किया जाएगा श्रृंगार
इसी दिन भगवान को अन्नकूट लगाया जाता है। इस बार तिथि मतांतर के चलते 24 अक्टूबर को सुबह चतुर्दशी व शाम को अमावस्या तिथि अतः राजा और प्रजा एक ही दिन दीपावली मनाएंगे। तड़के 4 बजे भस्म आरती में भगवान महाकाल को केसर, चंदन का उबटन लगाकर गर्मजल से स्नान कराया जाएगा। इसके पश्चात सोने-चांदी के अभूषण तथा नवीन परिधान धारण कराकर दिव्य स्वरूप में श्रृंगार कराया जाएगा। इसके उपरांत अन्नकूट का भोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी।
पुरोहित भगवान को करेंगे चांदी का सिक्का अर्पित
महाकाल मंदिर में धनतेरस से दीपपर्व का शुभारंभ होता है। यहां धनतेरस के मौके पर पुरोहित समिति द्वारा पूजन किया जाता है। पुरोहित पं.अशोक शर्मा ने बताया 23 नवंबर को सुबह 9.30 बजे कलेक्टर आशीष सिंह व प्रशासक संदीप कुमार सोनी के आतिथ्य में देश में सुख-समृद्धि तथा आरोग्यता की कामना से भगवान महाकाल की पूजा अर्चना की जाएगी। देश, प्रदेश व नगर में समृद्धि बनी रही इसलिए पुरोहित भगवान महाकाल को चांदी का सिक्का अर्पित करेंगे।
गोवर्धन पूजा: गोशाला में गोपूजन होगा
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा पर 26 अक्टूबर को पुजारी परिवार की महिलाएं मंदिर के मुख्य द्वार पर गोवर्धन पूजा करेंगी। मंदिर समिति की चिंतामन स्थित गोशाला में गोवंश का पूजन होगा। गायों के श्रृंगार व पूजा-अर्चना को लेकर तैयारी शुरू हो गई है।
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