खास तौर से प्रशिक्षित किया गया सीआरपीएफ कमांडो का ये दस्ता, करेगा राम की नगरी अयोध्या की सुरक्षा
इन कमांडो को अत्याधुनिक हथियारों व एक्सप्लोसिव की ट्रेनिग दी गई है। अभी सीआरपीएफ के जो विशेष दस्ते रहते हैं वह छिपे हुए आतंकियों या जंगली क्षेत्रों में आपरेशन के लिए ट्रेंड होते हैं लेकिन यह दस्ता शहरी क्षेत्र में कठिन आपरेशन करने के लिए तैयार किया गया है।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश के शिवपुरी स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काउंटर इंसर्जेंसी एंड एंटी टेररिज्म स्कूल (सीआइएटीएस) से 51 जवानों का पहला बैच राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की तर्ज पर प्रशिक्षण लेकर भगवान राम की नगरी अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात होने को मंगलवार को रवाना हो गया। किसी भी तरह की विषम परिस्थिति से निपटने में सक्षम क्विक एक्शन टीम (क्यूएटी) के इन कमांडो को चार हफ्तों का कड़ा प्रशिक्षण दिया गया है। इन्हें देशभर के अलग-अलग सीआरपीएफ कैंपस से चुना गया है। अयोध्या की सुरक्षा के लिए इन्हें खास तौर से प्रशिक्षित किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार इन कमांडो को अत्याधुनिक हथियारों व एक्सप्लोसिव की ट्रेनिग दी गई है। अभी सीआरपीएफ के जो विशेष दस्ते रहते हैं, वह छिपे हुए आतंकियों या जंगली क्षेत्रों में आपरेशन के लिए ट्रेंड होते हैं, लेकिन यह दस्ता शहरी क्षेत्र में कठिन आपरेशन करने के लिए तैयार किया गया है। इनकी ट्रेनिंग में सबसे खास बात यह है कि कम से कम रिस्पांस टाइम में आपरेशन को पूरा कर किस तरह सुरक्षित वापस लौटें।
सीआइएटीएस कमांडेंट ने कहा कि आतंकी वारदात से निपटने के लिए सीआरपीएफ विशेष दस्ता क्विक एक्शन टीम (क्यूएटी) तैयार करती है, जिसमें करीब 50 कमांडो होते हैं। इसमें शामिल होने वाले कमांडो एमपी-5 सबमशीन गन, स्नाइपर राइफल, लाइट मशीन गन, एके-47-47, कार्नर शाट, अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर, नाइट विजन गागल्स, रडार, इन-वाल स्कैनर के साथ आधुनिक रोबोटिक हथियारों से लैस होते हैं। दिल्ली में भी आतंकी हमलों से निपटने के लिए एक क्यूएटी तैनात की गई है। सीआइएटीएस के अधिकारियों के अनुसार ये कमांडो सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहेंगे, लेकिन किसी को नजर नहीं आएंगे। इनकी आम ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। खतरे का इनपुट मिलने या किसी तरह के हमले की आशंका के बीच यह बाहर आएंगे और परिस्थितियों से निपटेंगे। किसी विदेशी मेहमान को आतंकी द्वारा अपहृत करने पर उससे निपटने का विशेष प्रशिक्षण भी इन्हें दिया गया है।