'स्वदेशी के बीज से आत्मनिर्भरता का उगेगा वृक्ष', सीएम यादव ने बताया कैसे एक थे महात्मा गांधी-पंडित उपाध्याय के विचार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 25 सितंबर को रवींद्र भवन में राज्य स्तरीय स्वदेशी जागरण सप्ताह का शुभारंभ किया। इस अभियान की शुरुआत मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद और स्वदेशी जागरण मंच ने की है। इस मौके पर सीएम डॉ. मोहन ने हाथ में तिरंगा लेकर रैली भी निकाली। इस रैली में करीब 300 लोगों ने हिस्सा लिया। स्वदेशी जागरण सप्ताह अभियान प्रदेश के 313 विकासखण्डों में 2 अक्टूबर तक चलेगा।

डिजिटल टीम, भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 25 सितंबर को रवींद्र भवन में राज्य स्तरीय स्वदेशी जागरण सप्ताह का शुभारंभ किया। इस अभियान की शुरुआत मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद और स्वदेशी जागरण मंच ने की है। इस मौके पर सीएम डॉ. मोहन ने हाथ में तिरंगा लेकर रैली भी निकाली। इस रैली में करीब 300 लोगों ने हिस्सा लिया। स्वदेशी जागरण सप्ताह अभियान प्रदेश के 313 विकासखण्डों में 2 अक्टूबर तक चलेगा। इस मौके पर सीएम डॉ. यादव ने महात्मा गांधी और जनसंघ के संस्थापक पंडित दीन दयाल उपाध्याय को याद किया। उन्होंने दोनों हस्तियों के बीच समानता भी बताई। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वदेशी अभियान का ब्रांड एंबेसडर बताया।
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि आज दुनिया भारत के भरोसे है। इसलिए भारत को स्वदेशी की मूल ताकत को पहचानना चाहिए और स्वावलंबन की मशाल को जलाए रखना चाहिए। इस मौके पर उन्होंने लंका विजय के बाद भगवान श्री राम और लक्ष्मण के बीच हुए संवाद का भी जिक्र किया।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हम स्वदेशी को कैसे भूल सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वदेशी अभियान के ब्रांड एंबेसडर हैं। आजादी के आंदोलन की नींव स्वदेशी के मूल मंत्र के बलबूते ही रखी गई। आजादी के पहले महात्मा गांधी ने चरखे से सूत काटते हुए विदेशी वस्त्रों की होली जलवाई और पूरे देश में स्वदेशी और आजादी का बिगुल फूंका था। हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि आज पंडित दीन दयाल उपाध्याय 109वीं जयंती भी है। पंडित उपाध्याय जनसंघ के संस्थापक तो थे ही, साथ ही एकात्म मानववाद के प्रणेता भी थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महात्मा गांधी और पंडित उपाध्याय में समानता है। दोनों के विचार, दोनों के भाव हमारी माटी, हमारा देश, देश की आजादी, स्वावलंबन, और स्वदेशी व्यवस्था से जुड़े थे। दोनों इस बात का अनुसरण करते थे कि हमारा देश जब दुनिया के आगे आर्थिक रूप से समृद्ध होगा तब स्वदेशी के बीज से आत्मनिर्भरता का वृक्ष उगेगा।
अपनी मिट्टी से प्रेम करना सीखें
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन ने कहा कि ताकत भले ही हिरण्यकश्यप में थी, लेकिन संकल्प शक्ति से प्रह्लाद हर मुश्किल से निकले। स्वदेशी अभियान के लिए भी इसी संकल्प शक्ति की आवश्यकता है। स्वदेशी की ताकत पर ही हमारी संस्कृति दुनिया के सामने हजारों साल से टिकी हुई है। इस मौके पर सीएम डॉ. यादव ने शेर की लाइन कही, 'कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी..।'हमने हर युग में आत्मनिर्भरता और स्वदेशी की ताकत पर दुनिया को हराया है। उन्होंने कहा कि लंका जीतने के बाद श्री लक्ष्मण ने भगवान श्री राम से कहा कि इस देश की भव्यता, सुंदरता और सोने का हमें उपयोग करना चाहिए, तब श्री राम ने कहा था, 'जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।' हमारी जन्मभूमि के आगे किसी की तुलना नहीं कर सकते। हम अपनी मिट्टी से प्रेम करना सीखें।
छोटे दुकानदारों से खरीदें वस्तुएं
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि दुनिया के देशों में भले ही धन है, लेकिन उनके मन छोटे हैं। दुनिया में हम रोज देख रहे हैं कहीं ये नाटक, कहीं वो नाटक, इस कर्नाटक की व्यवस्था में एकमात्र व्यक्ति है 56 इंच के सीने वाले जो स्वदेशी भावना के साथ सबसे निपटना जानते हैं। इस समय त्योहार चल रहे हैं। इन त्योहारों में हम स्वदेशी वस्तुओं की ही खरीदारी करें। स्वदेशी स्वावलंबन की तरफ जाने वाला मार्ग है, हमें इसे भूलना नहीं चाहिए। छोटी-छोटी खरीदारी करने के छोटे-छोटे दुकानदारों के जीवन में बदलाव आता है। जन अभियान परिषद ने हर समाज को लेकर स्वदेशी से जोड़ा है। दीपक केवल बाती से नहीं जलता। उसके लिए बाती के साथ-साथ तेल भी चाहिए। इन चीजों के बाद भी अगर ऑक्सीजन न हो तो दीपक नहीं जलेगा। इसी तरह किसी भी अभियान की सफलता के लिए जरूरी ऑक्सीजन समाज से ही मिलती है।
अपनी ताकत को पहचानना जरूरी
उन्होंने कहा कि दीपक का प्रकाश हम सभी को स्वदेशी-स्वावलंबन-आत्मनिर्भरता की प्रेरणा देता है। आजादी के समय गुटनिरपेक्ष आंदोलन की कल्पना की गई थी। लेकिन, किन्हीं कारणों से भारत पिछड़ता चला गया। लेकिन, आज चीन से लेकर अमेरिका तक भारत को महान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना मित्र बताता है। दुनिया के सारे देश हमारी ताकत के भरोसे हैं। ऐसे में जरूरी है कि भारत स्वदेशी की अपनी मूल ताकत को पहचाने, स्वावलंबन की मशाल को जलाए रखे, आत्मनिर्भरता के रास्ते पर आगे बढ़े।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।