काम की खबर: दोस्त के फोन से किसी दूसरे को कॉल करना पड़ सकता है भारी, जानिए क्या कहता है कानून
कई बार हम मजाक-मजाक में अपने दोस्तों का फोन इस्तेमाल करने लग जाते हैं या फिर उनके फोन से किसी को फोन कर देते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा करना अपराध है। जी हां अगर कोई व्यक्ति अपने दोस्त का फोन लेकर उसकी जानकारी के बिना किसी को मैसेज या कॉल कर दे तो यह कानूनन अपराध होता है।

डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। दोस्तों के बीच में कई तरीके के मजाक होते हैं, दोस्त एक दूसरे से ऐसे भी मजाक कर देते हैं जिससे सामने वाले दोस्त को संकट का सामना करना पड़ जाता है। ऐसे ही कई मजाक अपराध की श्रेणी में आते हैं।
दरअसल, कोई व्यक्ति अपने दोस्त का फोन लेकर उसकी जानकारी के बिना किसी को मैसेज या कॉल कर दे, अथवा उसके फोन से कोई फोटो या नंबर जैसा डेटा चोरी से अपने फोन में ट्रांसफर कर ले तो यह कानूनन अपराध होता है।
हाईकोर्ट की अधिवक्ता दीप्ति सोलंकी ने बताया कि इस मामले में सूचना एवं प्रोद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 और संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत मामला भी दर्ज हो सकता है और सजा का भी प्रावधान है।
क्या होता है अनुच्छेद 21 और आईटी एक्ट 66
जब किसी व्यक्ति के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग कर उसमें से डाटा चुराया जाता है या किसी की निजी जानकारी का दुरुपयोग किया जाता है तो आईटी एक्ट 66 की धारा के अंतर्गत कानूनी अपराध होता है। वहीं संविधान का अनुच्छेद 21 किसी व्यक्ति को स्वतंत्रता से जीने का अधिकार प्रदान करता है। इसके साथ ही मौलिक अधिकारों की सुरक्षा भी प्रदान करता है। इन दोनों धाराओं का उल्लंघन कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है और दोनों में सजा का प्रावधान है।
यह है सजा का प्रावधान
दीप्ति बताती हैं कि जब कोई व्यक्ति किसी का फोन या लैपटॉप जैसी डिवाइस का गलत उपयोग करके उसके निजी डाटा से छेड़छाड़ करता है तो इसके खिलाफ संबंधित व्यक्ति शिकायत दर्ज करवा सकता है। ऐसा करने वाले पर आईटी एक्ट की धारा 66 और आर्टिकल 21 के हनन के अंतर्गत दंडात्मक कार्यवाही होगी जिसमें उसे 3 साल तक की जेल भी हो सकती है।
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