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    MP News: बसपा विधायक पर दमोह के कलेक्टर को 'गाली देने और धमकाने' का मामला दर्ज

    By AgencyEdited By: Sachin Kumar Mishra
    Updated: Sat, 01 Oct 2022 08:04 PM (IST)

    MP News मध्य प्रदेश के दमोह के कलेक्टर ने बहुजन समाज पार्टी की महिला विधायक रामबाई परिहार के खिलाफ गाली-गलौज और धमकी देने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

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    मप्र में बसपा विधायक पर दमोह कलेक्टर को 'गाली देने और धमकाने' का मामला दर्ज। फोटो जेएनएन

    दमोह, एजेंसी। Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में दमोह (Damoh) के कलेक्टर ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) की महिला विधायक रामबाई परिहार (Rambai Parihar) के खिलाफ गाली-गलौज और धमकी देने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य (S Krishna Chaitanya) की शिकायत के आधार पर यहां कोतवाली पुलिस ने विधायक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। रामबाई परिहार दमोह में पथरिया विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। 

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    जानें, क्या है मामला

    प्रेट्र के अनुसार, शिकायत में बताया गया कि घटना शुक्रवार को उस समय हुई, जब विधायक ने अपने निर्वाचन क्षेत्र की कुछ महिलाओं के साथ कुछ स्थानीय मुद्दों पर शिकायतों को लेकर कलेक्टर से मुलाकात की। शिकायत के मुताबिक, बैठक के दौरान परिहार ने कलेक्टर के साथ बदसलूकी की और उनके खिलाफ अभद्र और अश्लील शब्दों का इस्तेमाल किया।

    गिरफ्तारी नहीं होने पर विरोध शुरू करेंगे

    इस बीच, सरकारी अधिकारियों और कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले कुछ संगठनों ने कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया कि अगर बसपा विधायक को सात दिनों के भीतर गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वे यहां व्यापक विरोध शुरू करेंगे।

    विधायक पर कार्रवाई से पहले मप्रवि से लेनी होगी अनुमति

    एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि परिहार के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले उन्हें मध्य प्रदेश विधानसभा से अनुमति लेनी होगी।

    विधायक ने कही ये बात

    विधायक रामबाई ने कहा कि जहां एक ओर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) आम जनता के लिए प्रतिदिन कलेक्टरों से बात कर रहे हैं और प्रभारी मंत्री द्वारा भी बैठक के दौरान निर्देश दिए गए थे। फिर भी कलेक्टर द्वारा सभी प्रकार के कार्यों में नियमों की बात की जाती है। मुख्यमंत्री को ऐसे कलेक्टर को कुर्सी पर नहीं बैठाना चाहिए, जो कि किसी काम के ही ना हों। असहाय लोगों को किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिल रही है। अब ऐसी परिस्थितियों में क्या नियम हैं, अधिकारी मिलते ही नहीं हैं।

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