रायसेन, जागरण आनलाइन डेस्क। मध्य प्रदेश के रायसेन में एक नवजात बच्ची गेहूं के खेत में पानी के बीच में पड़ी थी। सरपंच रामकुमार यादव जब सुबह खेत गए तो लावारिस बच्ची को देख उन्होंने तुरंत डायल-100 पर इसकी सूचना दी।
मौसम काफी ठंडा था जिसकी वजह से बच्ची कांप रहीं थी। डायल-100 के चालक ने बच्ची की जान बचाने के लिए नौ मिनट में 15 किमी का सफर तय किया और बच्ची को जिला अस्पताल पहुंचाया।
बच्ची का शरीर अकड़ गया था
डाक्टर ने बताया कि इस नवजात बच्ची का जन्म आठ से 18 घंटे पहले हुआ है। ये मामला निहालपुर गांव का है। रबी सीजन की वजह से इन दिनों खेत में सिंचाई के लिए पानी छोड़ने का काम चल रहा है। ग्राम सरपंच यादव के खेत में भी सिंचाई के लिए पानी छोड़ा गया था। जहां नवजात पड़ी हुई थी वह स्थान काफी गीला था।
बच्चे का शरीर ठंडा पड़ा था। उसने बच्ची को उठाया और गर्माहट देने के लिए उसे अपने गमछे में लपेट लिया। ठंड के कारण बच्चा अकड़ गया था। नर्स ने उसे एक ट्यूब के जरिए सांस दी और बच्ची की जान बच गई।
बच्ची को फेंकने वाले की हो रही है तलाश
इस मामले में थाना प्रभारी जगदीश सिंह सिद्धू ने बताया कि सरपंच ने यह जानकारी दी। बच्ची को फेंकने वाले को तलाशा जा रहा है। जिला अस्पताल के एनेस्थिसियोलॉजिस्ट अनिल ओढ ने बताया कि डायल-100 की मदद से नवजात बच्ची को जिला अस्पताल लाया गया। बच्ची को जन्म के कुछ समय बाद ही गीले स्थान पर फेंक दिया गया था।
नर्स ने नली से दी सांस
इस वजह से उन्हें हाइपोथर्मिया हो गया है। वह सांस ले रही थी, लेकिन उसके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। अस्पताल पहुंचते ही उनका इलाज शुरू किया गया। उसे भांप दी गयी, नर्स ने उसे एक ट्यूब के जरिए सांस दी।
ऐसा करने से नवजात की जान बच गई। डाक्टरों के अनुसार अब उसकी हालत में सुधार है। उसे जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती किया गया है।
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