..तो इसी कारण आजमगढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं मुलायम!
आजमगढ़ से क्यों लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव। भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के प्रभाव को कम करने के लिए वह मैदान में उतर रहे हैं या इसके साथ-साथ पारिवारिक कारणों ने भी उन्हें पूर्वाचल जाने के लिए प्रेरित किया। क्या सपा मुखिया अपने छोटे बेटे प्रती
वाराणसी, जागरण संवाददाता। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ से ही क्यों लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं? भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के प्रभाव को कम करने के लिए वह मैदान में उतर रहे हैं या इसके साथ-साथ पारिवारिक कारणों ने भी उन्हें पूर्वांचल जाने के लिए प्रेरित किया? क्या सपा मुखिया अपने छोटे बेटे प्रतीक यादव के लिए राजनीतिक जमीन तैयार कर रहे हैं?
पूर्वांचल यदि राजनीति की उपजाऊ जमीन है तो मुलायम के आजमगढ़ से लड़ने के फैसले ने यहां उसकी फसल लहलहा दी है। लगभग हफ्ते भर से चर्चाओं का जो बाजार गरम था, मंगलवार को हुई घोषणा ने उस पर मुहर लगा दी। इलाहाबाद से पूर्वाचल की ओर बढ़ने पर बनारस के बाद आजमगढ़ सदर वह अकेली सीट है, जो भाजपा के कब्जे में है। वहां से सांसद रमाकांत यादव का अपना विशिष्ट आभामंडल है, लेकिन कभी वह मुलायम के शिष्य रह चुके हैं और गुरु के सामने उनको कठिनाई तो होनी ही है। यादव-मुस्लिम बहुल आजमगढ़ के चयन के पीछे वहां के जातीय-धार्मिक समीकरण एक कारण जरूर हो सकता है, लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक पारिवारिक मतभेदों को कम करने के लिए मुलायम वहां जा रहे हैं।
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बताया जाता है कि सपा मुखिया के छोटे पुत्र प्रतीक यादव भी राजनीति में आना चाह रहे थे और उनकी योजना आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने की थी। लेकिन, प्रतीक की योजना परिवार के भीतर ही समर्थन नहीं पा सकी। एक वजह यह भी है कि राजनीतिक अनुभव न होने के कारण पिता मुलायम प्रतीक को इतने महत्वपूर्ण चुनाव में सीधे उतारने से बच रहे थे। उनकी सोच है कि छोटे बेटे को पहले राजनीतिक मंचों का अनुभव दिया जाए और तब चुनाव लड़ाया जाए। सूत्रों के अनुसार प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव ने सपा के लिए एक प्रचार गीत भी गाया था, लेकिन पार्टी द्वारा तैयार अधिकृत सीडी में वह गीत नहीं है।
इस सीडी को जारी करने की अनुमति सपा ने चुनाव आयोग से मांगी है। मुलायम को यह भी आशंका है कि चुनाव परिणाम अपेक्षा के अनुरूप न आए तो मतभेद गहरा सकते हैं इसीलिए उन्होंने आजमगढ़ का चयन किया। अब पार्टी की योजना है कि मुलायम यदि चुनाव जीतते हैं तो आजमगढ़ सीट प्रतीक यादव के लिए छोड़ देंगे। किसी भी अन्य सीट के मुकाबले यह संसदीय क्षेत्र तब राजनीति में पदार्पण कर रहे प्रतीक यादव के लिए सुरक्षित होगा।
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