नाफ्ताली बेनेट ने ईरान और अन्य देशों के बीच फिर से शुरू हुई वार्ता पर दी प्रतिक्रिया, कहा- अच्छे परमाणु समझौते का विरोध नहीं

इजरायल के प्रधानमंत्री नाफ्ताली बेनेट ने मंगलवार को कहा कि वो ईरान और दुनिया के शक्तिशाली देशों के बीच अच्छे परमाणु समझौते के विरोध में नहीं हैं। हालांकि उन्होंने मौजूदा वार्ता का ऐसा परिणाम निकलने पर संदेह भी जताया।

By Amit SinghEdited By: Publish:Tue, 28 Dec 2021 08:00 PM (IST) Updated:Tue, 28 Dec 2021 08:00 PM (IST)
नाफ्ताली बेनेट ने ईरान और अन्य देशों के बीच फिर से शुरू हुई वार्ता पर दी प्रतिक्रिया, कहा- अच्छे परमाणु समझौते का विरोध नहीं
नाफ्ताली बेनेट ने कहा अच्छे परमाणु समझौते का विरोध नहीं

तेल अवीव, एपी: इजरायल के प्रधानमंत्री नाफ्ताली बेनेट ने मंगलवार को कहा कि वो ईरान और दुनिया के शक्तिशाली देशों के बीच अच्छे परमाणु समझौते के विरोध में नहीं हैं। हालांकि, उन्होंने मौजूदा वार्ता का ऐसा परिणाम निकलने पर संदेह भी जताया। वर्ष 2015 में हुए परमाणु समझौते को बचाने के लिए ईरान व दुनिया के पांच ताकतवर देशों के बीच वियना में वार्ता के दौर फिर से शुरू होने के एक दिन बाद बेनेट ने दोहराया कि इजरायल किसी भी समझौते के लिए बाध्य नहीं है।

ईरान ने रखी प्रतिबंधों में राहत की मांग

बेनेट ने इजरायली आर्मी रेडियो से कहा, 'अंत में, निश्चित तौर पर एक अच्छा सौदा हो सकता है, लेकिन मौजूदा हालात व परिदृश्य में क्या ऐसा होने की उम्मीद की जा सकती है? नहीं, क्योंकि बहुत सख्त रुख की जरूरत है।' बेनेट ने पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि वह अमेरिका के साथ एक नीति पर सहमत हो गए थे। इसके तहत इजरायल को ईरान के संबंध में अपने सैन्य मंसूबों को लेकर अमेरिका के साथ दोस्ताना रवैया अपनाना था। बेनेट ने कहा, 'इजरायल किसी भी कार्रवाई के अपने अधिकार को सदैव बरकरार रखेगा और अपनी रक्षा खुद करेगा।' इजरायल वार्ता में शामिल नहीं है, लेकिन वह राजनयिक माध्यमों से कोशिश कर है कि इसमें शामिल पक्ष ईरान पर परमाणु कार्यक्रम रोकने का दबाव डालें। ईरान ने वार्ता के दौरान पिछले दौर के मुद्दों पर बातचीत जारी रखने और प्रतिबंधों में राहत की मांग रखी है।

डोनाल्ड ट्रंप ने लगाए थे प्रतिबंध

उल्लेखनीय है कि ईरान व दुनिया के ताकतवर देशों (ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन व रूस) के बीच वर्ष 2015 में एक ऐतिहासिक समझौता हुआ था। इसके तहत ईरान को प्रतिबंधों में ढील के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम में कटौती करनी थी, लेकिन वर्ष 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने देश को इस समझौते से बाहर निकाल लिया तथा ईरान पर और अधिक प्रतिबंध लगा दिए।

'विश्वास' व 'गंभीरता' के साथ सफल हो सकता है समझौता

ईरान ने कहा कि वार्ता के पक्षकार अगर 'विश्वास' व 'गंभीरता' दिखाएं तो परमाणु समझौता सफल हो सकता है। विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने एक वीडियो संदेश में कहा, 'वियना वार्ता सही दिशा में जा रही है.. हमें विश्वास है कि अन्य पक्षकार अगर भरोसे के साथ वार्ता जारी रखें तो एक अच्छा समझौता संभव है।

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