इजराइल ने गाजा के लिए बंद किया मछली पकड़ने का क्षेत्र , दी ये वजह

इजराइली सेना ने कहा कि उसने फिलिस्तीन एन्क्लेव से आग लगाने वाले गुब्बारे के प्रक्षेपण के लिए प्रतिशोध में घिरे गाजा पट्टी के तट से मछुआरों के लिए क्षेत्र बंद कर दिया है।

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Thu, 13 Jun 2019 10:29 AM (IST) Updated:Thu, 13 Jun 2019 10:29 AM (IST)
इजराइल ने गाजा के लिए बंद किया मछली पकड़ने का क्षेत्र , दी ये वजह
इजराइल ने गाजा के लिए बंद किया मछली पकड़ने का क्षेत्र , दी ये वजह

यरूशलेम,एजेंसी। इजरायल ने बुधवार को घोषणा की कि वह गाजा के मछुआरे को समुद्र तक जाने की अनुमति नहीं देगा।  फिलिस्तीन द्वारा लगातार की गई कई आग की घटनाओं के बाद इजरायल ने अपनी समुद्री नाकाबंदी को कड़ा कर दिया था। सीओजीएटी, इजरायल के रक्षा मंत्रालय के निकाय ने तटीय एन्क्लेव के साथ क्रॉसिंग को नियंत्रित करते हुए बुधवार को घोषणा की कि गाजा पट्टी से इजराइल की ओर आग लगाने वाले गुब्बारों और पतंगों की निरंतर लॉन्चिंग के कारण  इजरायल इस क्षेत्र का इस्तेमाल गाजा के लिए रोक रहा है। 

इजरायल के रक्षा मंत्रालय की एक इकाई सीओजीएटी (COGAT) के एक प्रवक्ता ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि इजरायल की ओर गाजा पट्टी से लगातार गुब्बारों और पतंगों को लॉन्च करने के कारण आज रात यह निर्णय लिया गया है कि गाजा को समुद्री स्थान तक पहुंच की अनुमति न दें। वहीं सीओजीएटी ने मंगलवार को कहा था कि उसने मछली पकड़ने के क्षेत्र की सीमा को 10 समुद्री मील से छह समुद्री मील दूर तक कम कर दिया है। वहीं, एक सप्ताह पहले इसे 15 समुद्री मील से घटा दिया गया था। इजरायल की अग्निशमन सेवा के एक प्रवक्ता ने कहा कि गाजा से आग लगाने वाले गुब्बारे मंगलवार को लगी सात आग की घटनाओं का कारण बना है।

पिछले एक साल में, फिलिस्तीनियों ने दक्षिणी इज़राइल में खेत के बड़े क्षेत्रों में आग लगाने की कई घटनाओं को अंजाम दिया है। आग के गुब्बारों की वजह से इज़राइल ने केवल 4 जून को 15 समुद्री मील तक मछली पकड़ने की सीमा बहाल किया था। 1993 में हस्ताक्षर किए गए ओस्लो समझौते के तहत, इजरायल को 20 समुद्री मील तक मछली पकड़ने की अनुमति देने के लिए बाध्य किया गया है, लेकिन इसे कभी लागू नहीं किया गया।  इज़राइल ने 2006 तक केवल 12 समुद्री मील तक मछली पकड़ने की अनुमति दी थी। 2007 के हमास आंदोलन के बाद इसराइल और मिस्र ने गाजा पट्टी की नाकाबंदी बनाए रखी  है। 

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