यूएई का बड़ा एलान, विदेशी पेशेवरों के लिए 10 वर्षीय गोल्डन वीजा की संख्‍या बढ़ाई, जानें किन्‍हें मिलेगा लाभ

UAE ने और विदेशी पेशेवरों के लिए 10 साल का गोल्डन वीजा जारी करने को मंजूरी दी है। यूएई के उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने यह घोषणा की है। जानें किन्‍हें मिलेगा इस फैसले का लाभ...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 15 Nov 2020 11:51 PM (IST) Updated:Mon, 16 Nov 2020 07:43 AM (IST)
यूएई का बड़ा एलान, विदेशी पेशेवरों के लिए 10 वर्षीय गोल्डन वीजा की संख्‍या बढ़ाई, जानें किन्‍हें मिलेगा लाभ
दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने विदेशी पेशेवरों के लिए बड़ा कदम उठाया है।

दुबई, एजेंसियां। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने रविवार को विदेशी पेशेवरों के लिए बड़ा कदम उठाया। यूएई ने कहा कि उसने और अधिक पेशेवरों को 10 साल का गोल्डन वीजा जारी करने को मंजूरी दी है। यूएई के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने ट्वीट कर यह एलान किया। ताजा फैसले के मुताबिक, जिन पेशेवरों को इस वीजा का लाभ मिलेगा उनमें पीएचडी डिग्रीधारक, चिकित्सक, इंजीनियर और विश्वविद्यालयों के कुछ विशेष स्नातक शामिल हैं।

दरअसल, यूएई की सरकार प्रतिभाशाली लोगों को खाड़ी देश में बसाने और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए खास गोल्डन वीजा जारी करती है। यूएई के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने ट्वीट कर कहा, 'हमने निम्न श्रेणी में प्रवासियों के लिए 10 वर्षीय गोल्डेन वीजा जारी करने के फैसले को मंजूरी दी है।' संयुक्त अरब अमीरात के इस कदम से भारतीयों को भी लाभ होगा। बड़ी संख्‍या में भारतीय विशेषज्ञ यूएई में काम करने जाते हैं।

इसका लाभ सभी पीएचडी डिग्रीधारक, डॉक्‍टर, कंप्यूटर इंजीनियर, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रोग्रामिंग, बिजली और जैव प्रौद्योगिकी से जुड़े पेशेवर उठा पाएंगे। गल्फ न्यूज के मुताबिक, यह वीजा लाभ यूएई द्वारा मान्यता प्राप्त विश्‍वविद्यालयों के वे स्नातक भी उठाएंगे जिनका जीपीए (ग्रेड प्वाइंट एवरेज) 3.8 या उससे ज्‍यादा हो। यही नहीं यह वीजा विशेष डिग्रीधारकों को भी दिया जाएगा जिनके पास कृत्रिम बुद्धिमत्ता और महामारी विज्ञान जैसे क्षेत्रों की विशेषज्ञता हो। बड़ी बात यह कि इस फैसले पर यूएई के मंत्रिमंडल की मुहर भी लग गई है।  

इस बीच अमेरिका से एक बुरी खबर भी आ रही है। आईटी कंपनी इंफोसिस के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया है कि इंफोसिस अमेरिका में वहीं के लोगों को काम पर रखने पर जोर दे रही है। कंपनी अमेरिका में करीब 63 फीसद, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 50 फीसद से अधिक वीजा पर निर्भरता कम कर चुकी है। यही नहीं कंपनी को अब यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे बाजारों में भी कर्मचारियों के लिए वीजा लेने की जरूरत नहीं पड़ रही है। 

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