तुर्की ने IS के खिलाफ चलाया बड़ा अभियान, 70 संदिग्धों को किया गिरफ्तार

गिरफ्तार किए गए समूह के सभी सदस्‍य इराकी हैं। समूह के अन्‍य सदस्‍यों को बैटमैन कासेरी और अदाना प्रांत से गिरफ्तार किया है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Mon, 30 Dec 2019 03:35 PM (IST) Updated:Mon, 30 Dec 2019 03:35 PM (IST)
तुर्की ने IS के खिलाफ चलाया बड़ा अभियान, 70 संदिग्धों को किया गिरफ्तार
तुर्की ने IS के खिलाफ चलाया बड़ा अभियान, 70 संदिग्धों को किया गिरफ्तार

इस्‍तांबुल, एजेंसी । तुर्की ने साेमवार को देशभर से इस्‍लामिक स्‍टेट समूह के 70 संदिग्‍ध सदस्‍यों को गिरफ्तार किया। राज्‍य समाचार एजेंसी अनादोलु के मुताबिक अंकारा प्रांत में कुल 33 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए समूह के सभी सदस्‍य इराकी हैं। समूह के अन्‍य सदस्‍यों को बैटमैन, कासेरी और अदाना प्रांत से गिरफ्तार किया है।

सोमवार को तुर्की ने आइएस आतंकवादियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया है। इस्‍तांबुल के इस कदम का मकसद आइएस को उनके मूल देश में वापस धकेलना है। तुर्की ने 2015 और 2016 में आइएस के हमलों का सामना किया है। एक इस्तांबुल नाइट क्लब में 2017 नए साल का जश्न मनाते हुए एक बड़े नरसंहार को अंजाम दिया था। इसमें 39 लोग मारे गए थे।

बता दें कि तुर्की में सैकड़ों की तादाद में विदेशी लड़ाके यहां की जेलों में बंद हैं। तुर्की सरकार ने यह संकेत दिए थे कि वह इन लड़ाकों को वापस भेजेगी चाहे उनके देशों में उनकी नागरिकता रद ही क्यों न कर दी गई हो। तुर्की के गृह मंत्री सुलेमान सोयलू कहते हैं कि दुनिया भर के देशों ने आजकल नागरिकता ख़त्म कर देने का एक नया तरीका अपना रखा है। उन्होंने कहा कि वे कहते हैं कि उन्हें वहीं सज़ा मिलनी चाहिए, जहां उन्हें पकड़ा गया है।

तुर्की ने उन कथित विदेशी लोगों को जिनके तार इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े हुए थे, वापस उनके देशों में भेजना शुरू कर दिया है भले ही कुछ यूरोपीय देश अपने नागरिकों को वापस लेने को लेकर अनिच्छुक हैं। जर्मनी, डेनमार्क और ब्रिटेन ने इन्हें वापस लौटने से रोकने के लिए अपने उन नागरिकों की नागरिकता समाप्त कर दी है जो कथित तौर पर जिहादी समूह से जुड़े थे।

तुर्की ने बताया कि 12 नवंबर को तीन जिहादी लड़ाकों को उनके अपने देश जर्मनी, डेनमार्क और अमरीका भेज दिया गया है। तुर्की ने कहा कि जल्द ही कई अन्य लोगों को उनके वतन वापस भेजने की योजना है। तुर्की ने अमरीकी नागरिक को ग्रीस से सटी सीमा पर पकड़ा था, इसके बाद वह अमरीका जाने के बजाए वापस ग्रीस की सीमा पार करना चाहता था। ऐसे में जब ग्रीस ने उसे अपने देश में घुसने से मना कर दिया और बताया गया कि वो अब वापस तुर्की की हिरासत में हैं। इसी तरह से  डेनमार्क के नागरिक को राजधानी कोपेनहेगन पहुंचने के साथ ही गिरफ़्तार कर लिया गया था। जर्मनी ने इस्लामिक स्टेट के सदस्यों को वापस लिया या तो उन पर मुक़दमा चलाया गया या फिर उन्हें पुनर्वास कार्यक्रमों में रखा गया। फ़्रांस ने ज़ोर देकर कहा कि सीरिया या इराक में पकड़े गए उनके नागरिकों को स्थानीय स्तर पर मुक़दमे का सामना करना पड़ेगा।   

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