ब्रह्मांड में आपके और हमारे अनुमान से कहीं ज्यादा ग्रहों पर है जीवन संभव

एक अध्ययन में दावा किया गया है कि ब्रह्मांड में हमारे अभी तक के अनुमान से भी ज्यादा ग्रहों पर जीवन के अनुकूल परिस्थितियां हो सकती हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Wed, 01 Aug 2018 09:55 AM (IST) Updated:Wed, 01 Aug 2018 01:43 PM (IST)
ब्रह्मांड में आपके और हमारे अनुमान से कहीं ज्यादा ग्रहों पर है जीवन संभव
ब्रह्मांड में आपके और हमारे अनुमान से कहीं ज्यादा ग्रहों पर है जीवन संभव

वाशिंगटन [प्रेट्र]। ब्रह्मांड हमेशा से वैज्ञानिकों के लिए रहस्य और जिज्ञासा का विषय रहा है। दुनियाभर के वैज्ञानिक दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावनाओं की तलाश में प्रयासरत हैं। इसी के चलते दूसरे ग्रहों पर मानव बस्तियां बसाने का सपना भी बरकरार है। अब इस कड़ी में एक और अहम बात सामने आई है। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि ब्रह्मांड में हमारे अभी तक के अनुमान से भी ज्यादा ग्रहों पर जीवन के अनुकूल परिस्थितियां हो सकती हैं।

अमेरिका स्थित पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के भूवैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि जीवन की अनुकूल स्थितियों के लिए लंबे समय तक जरूरी समझी गईं टेक्टॉनिक प्लेटें असल में आवश्यक नहीं हैं। रहने लायक ग्रहों या अन्य ग्रहों पर जीवन की तलाश के समय वैज्ञानिकों ने वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड के तत्वों को परखा। एस्ट्रोबायोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि धरती पर वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड ग्रीनहाउस प्रभाव के माध्यम से सतह के ताप को बढ़ाती है।

इसलिए अभी तक थी यह सोच
धरती पर ज्यादातर ज्वालामुखी टेक्टॉनिक प्लेटों की सीमा पर मौजूद हैं। यही वजह है कि अभी तक वैज्ञानिक जीवन की अनिवार्यता के लिए टेक्टॉनिक प्लेटों को जरूरी मानते आए थे, लेकिन अब नवीन अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन ग्रहों में टेक्टॉनिक प्लेटें नहीं हैं, वहां भी लंबे अरसे से जीवन संभव हो सकता है।

ऐसे बनता है वायुमंडल में संतुलन यूनिवर्सिटी में भूविज्ञान के सहायक प्रोफेसर ब्रैडफोर्ड फोली ने कहा, ज्वालामुखी की घटनाएं वायुमंडल में गैसें स्नावित करती हैं और फिर चट्टानों की टूट-फूट के जरिये वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड खींची जाती है और जो बाद में अलग-अलग सतही चट्टानों और तलछट तक पहुंचती है। फोली के मुताबिक, इन दोनों प्रक्रियाओं के संतुलन से वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड एक निश्चित स्तर पर रहती है, जो मौसम को संयमित रखने और जीवन के अनुकूल बनाने के लिए जरूरी है।

इस तरह लगाया पता
इस अध्ययन के लिए ब्रैडफोर्ड फोली और यूनिवर्सिटी के ही एक अन्य सहायक प्रोफेसर एंड्रयू स्माई एक ग्रह पर जीवन-चक्र के लिए एक कंप्यूटर मॉडल तैयार किया। इसमें उन्होंने यह जानने का प्रयास किया कि इस ग्रह के वातावरण में कितनी गर्मी पैदा होती है और जीवन के लिए कितनी गर्मी की आवश्यकता है। ग्रह के आकार और रासायनिक संरचनाओं को बदलने की सैकड़ों परिस्थितियों के आधार पर वे इस नतीजे पर पहुंचे कि बिना टेक्टॉनिक प्लेटों वाले ग्रहों पर अरबों वर्षों से पानी तरल अवस्था में मौजूद हो सकता है। 

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