क्‍या मच्छरों के काटने से फैल सकता है कोरोना, वैज्ञानिकों ने पहली बार किया यह खुलासा

ऐसे में जब दुनियाभर में इस जानलेवा वायरस को लेकर दहशत है यह सवाल जेहन में बार बार उठता है कि क्‍या मच्छरों के काटने से कोरोना फैल सकता है। जानें वैज्ञानिकों ने क्‍या कहा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 19 Jul 2020 06:10 PM (IST) Updated:Mon, 20 Jul 2020 02:41 AM (IST)
क्‍या मच्छरों के काटने से फैल सकता है कोरोना, वैज्ञानिकों ने पहली बार किया यह खुलासा
क्‍या मच्छरों के काटने से फैल सकता है कोरोना, वैज्ञानिकों ने पहली बार किया यह खुलासा

वाशिंगटन, पीटीआइ। वैज्ञानिकों ने पहली बार इस बात की तस्‍दीक की है कि कोरोना वायरस मच्छरों के जरिए नहीं फैल सकता है। ऐसे में जब दुनियाभर में इस जानलेवा वायरस को लेकर लोगों में दहशत है वैज्ञानिकों का यह खुलासा राहत देने वाला है। यही नहीं इस खुलासे से विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization, WHO) का वह दावा भी मजबूत होता है कि यह महामारी मच्छरों के काटने से नहीं फैलती है।

यह अध्‍ययन साइंटिफिक रिपोर्ट्स (Journal Scientific Reports) शोध पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। अमेरिका के कंसास स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक और शोध पत्र के सह लेखक स्टीफेन हिग्स (Stephen Higgs) ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पक्के तौर पर कहा है यह महामारी मच्छरों के काटने से नहीं फैल सकती है। हमने जो अध्ययन किया है उसमें इस दावे को पुष्ट करने के लिए पहली बार वैज्ञानिक प्रामाणिक प्रस्तुत किए गए हैं।

कंसास स्टेट यूनिवर्सिटी के जैवसुरक्षा अनुसंधान संस्थान में हुए इस अध्ययन में पाया गया है कि कोरोना वायरस मच्छरों की तीन आम प्रजातियों (Aedes aegypti, Aedes albopictus and Culex quinquefasciatus) में मौजूद रहकर प्रजनन कर पाने में असमर्थ है। ऐसे में वह मच्छरों के जरिए इंसानों तक नहीं पहुंच सकता है। अध्ययन में पहली बार प्रायोगिक तौर पर जुटाए गए वे आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं जिनसे मच्छरों के द्वारा कोरोना फैलने की क्षमता की जांच की जा सकती है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काट ले तब भी उसके रक्त में मौजूद कोरोना वायरस मच्छर के भीतर जीवित नहीं रह सकता है। ऐसे में मच्छर द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति को काटने पर संक्रमण फैलने का खतरा नहीं है। वैज्ञानिकों द्वारा मच्छरों के काटने के दो घंटे के भीतर जुटाए गए नमूनों से इसकी तस्‍दीक हुई है। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization, WHO) भी ऐसा ही दावा कर चुका है। 

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