PM Narendra Modi Speech in UN: पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें

Modi in UN UNGA में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में ग्लोबल वॉर्मिंग से लेकर आतंकवाद तक कई मुद्दे उठाए। जानें पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें।

By Digpal SinghEdited By: Publish:Fri, 27 Sep 2019 05:23 PM (IST) Updated:Sat, 28 Sep 2019 10:57 AM (IST)
PM Narendra Modi Speech in UN: पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें
PM Narendra Modi Speech in UN: पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें

नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। आज दुनियाभर की नजरें संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 74वें सत्र पर टिकी हुई थीं। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने UN के मंच से दुनिया को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की बदलती छवि को इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर रखा। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और बालाकोट जैसी एयर स्ट्राइक के बाद भारत की छवि में बदलाव हो रहा है। पीएम मोदी के UNGA में क्या कुछ कहा, जानें उनके भाषण की 10 बड़ी बातें...

1. पांच साल में हमने 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर देशवासियों को दिए हैं। उसके साथ बनी व्यवस्थाएं हमारे एक विकासशील देश होने के नाते पूरी दुनिया को एक प्रेरक संदेश देती हैं। अगले 5 वर्षों में हम जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं। 2022 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनाएगा, तब तक हम गरीबों के लिए 2 करोड़ और घरों का निर्माण करने वाले हैं।

2. ग्लोबल वार्मिंग को कैपिटा इमिशन के लिहाज से देखा जाए तो हमारा इसमें योगदान पर बहुत कम है, फिर भी हम अपनी तरफ से ग्लोबल वॉर्मिंग के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ रहे हैं।

3. संयुक्त राष्ट्र की दीवार पर No More Single Use Plastic लिखा है। आज भी हम भारत को इससे मुक्त करने के लिए एक बड़ा अभियान चला रहे हैं। आने वाले पांच वर्षों में हम, जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं। पांच वर्षों में सवा लाख किमी से ज्यादा गांवों में सड़के बनाने जा रहे हैं।

4.  भारत में दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल आइडेंटिफिकेशन प्रोग्राम चल रहा है, इस तरह से हमने 20 बिलियन डॉलर भ्रष्टाचार से बचाए हैं।

5. PM Modi ने कहा दुनिया ने भले ही 2030 तक दुनिया को टीवी से मुक्त करने का संकल्प लिया हो, लेकिन भारत में हम देश को 2025 तक TB मुक्त करने का संकल्प लेकर चल रहे हैं।

6.  हमारे संस्कार और संस्कृति जीव में शिव को देखते हैं। जनभागीदारी से जनकल्याण हमारा उद्देश्य है और ये केवल भारत के लिए ही नहीं जगकल्याण के लिए हो। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास केवल भारतीय सीमाओं में सीमित नहीं है। हमारा परिश्रम न तो दया भाव है और न ही दिखावा, ये सिर्फ कर्तव्य भाव से प्रेरित है। 

7. जब मैं उन देशों को बारे में सोचता हूं, जो विकास की यात्रा में भारत की तरह ही अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। जब मैं उनके सुख-दुख को सुनता हूं तो मेरा संकल्प और पक्का हो जाता है कि मैं अपने देश का विकास और तेज गति से करूं, ताकि हमारा अनुभव उनके भी काम आ सके। भारत जिन विषयों को उठा रहा है, उनका आधार वैश्विक चुनौतियां हैं। वैश्विक विषय हैं और गंभीर समस्याओं के समाधान का सामूहिक प्रयास है।

8. हम उस देश के वासी हैं, जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिये हैं। शांति का संदेश दिया है। इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी।

9. हम मानते हैं कि आतंकवाद किसी एक देश की नहीं बल्कि पूरी दुनिया की और मानवता की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर  यूएन का जन्म हुआ है। मानवता के खातिर आतंक के खिलाफ पूरे विश्व का एकजुट होना मैं अनिवार्य समझता हूं।

10. आज विश्व का स्वरूप बदल रहा है। 21वीं सदी की टेक्नोलॉजी, निजी जीवन, अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय संबंधों में, कनेक्टिविटी सामूहिक परिवर्तन ला रही है। इन परिस्थितियों में एक बिखरी हुई दुनिया किसी के हित में नहीं है और न ही हमारे पास अपनी सीमाओं में सिमट जाने का विकल्प है।

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