मामलों की नियमित रूप से ऑनलाइन सुनवाई चाहते हैं कलकत्ता हाईकोर्ट के अधिवक्ता
नियमित रूप से ऑनलाइन सुनवाई चाहते हैं कलकत्ता हाईकोर्ट के अधिवक्ता पूछा-जब सुप्रीम कोर्ट में मामलों की नियमित रूप से ऑनलाइन सुनवाई हो सकती है तो कलकत्ता हाईकोर्ट में क्यों नहीं?
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कलकत्ता हाईकोर्ट के अधिवक्ता मामलों की नियमित रूप से ऑनलाइन सुनवाई चाहते हैं। उनका सवाल है कि जब सुप्रीम कोर्ट में मामलों की नियमित रूप से ऑनलाइन सुनवाई हो सकती है तो कलकत्ता हाईकोर्ट में क्यों नहीं? वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा-'ऑनलाइन और सशरीर हाजिर होकर, दोनों तरह से ही मामलों की सुनवाई होनी चाहिए और हरेक अदालत भी बैठनी चाहिए।' जाने-माने अधिवक्ता अरुणाभ घोष ने प्रश्न किया कि सभी न्यायाधीश मामलों की सुनवाई क्यों नहीं कर रहे?
कलकत्ता हाईकोर्ट में 30 से ज्यादा न्यायाधीश हैं। सभी के बैठने पर बहुत से मामलों की सुनवाई काफी आगे बढ़ सकती है। नए मुकदमे फिलहाल दायर नहीं हो रहे हैं।' अधिवक्ता प्रमित राय ने कहा-'सुप्रीम कोर्ट की तरह यहां आनलाइन सुनवाई नहीं हो पाना हमारी असमर्थता को दर्शाता है। हमें इसे स्वीकार करते हुए इसका समाधान निकालना चाहिए। समाज व्यवस्था के साथ न्याय व्यवस्था भी अस्त-व्यस्त होती जा रही है।'
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अशोक कुमार गंगोपाध्याय ने कहा-'सुप्रीम कोर्ट की ऑनलाइन सुनवाई संबंधी आधारभूत संरचना काफी उन्नत है। जहां तक मैंने सुना है कलकत्ता हाईकोर्ट की उतनी बेहतर नहीं है, हालांकि इसे उन्नत किया जा रहा है।
उम्मीद है कि आधारभूत संरचना उन्नत होने से इस समस्या का हल हो जाएगा।' गौरतलब है कि कलकत्ता हाईकोर्ट में इस समय दो लाख से भी अधिक मामले लंबित हैं, जिनमें 1,70,000 दीवानी और करीब 40,000 फौजदारी मामले हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट पिछले पांच महीने से एक तरह से बंद है। मामलों की ऑनलाइन सुनवाई का निर्णय लिया गया लेकिन आधारभूत संरचना बेहतर नहीं होने और हाईकोर्ट के कई कर्मचारियों व अधिकारियों के कोरोना संक्रमित हो जाने के कारण ऑनलाइन सुनवाई भी अभी नहीं चल रही है।