पुष्प प्रदर्शनी : फूलों की खूबसूरती निहारने के साथ औषधीय पौधों की जानकारी लेने का मौका
सिलीगुड़ी के कंचनजंघा स्टेडियम में इन दिनों बहार आई हुई है। वसंत के मौसम में यहां लगी फूलों की प्रदर्शनी लोगों को बरबस ही खींच रही है।
सिलीगुड़ी [स्नेहलता शर्मा]। सिलीगुड़ी के कंचनजघा स्टेडियम में वसंत के इस मौसम में चारो ओर खूबसूरती ही खूबसूरती दिख रही है। यहां सिलीगुड़ी हॉर्टिकल्चर सोसायटी की ओर से आयोजित पुष्प प्रदर्शनी में लोग काफी संख्या में जुट रहे हैं। इनको फूलों की खूबसूरती निहारने के साथ ही यहां औषधीय पौधों के बारे में भी जानकारी मिल रही है।
प्रदर्शनी में पहाड़ से लाए गए फूल अलग ही छटा बिखेर रहे हैं। कालिंपोंग से आए इस स्टॉल में पहले दिन ही वनस्पति औषधि के बारे में जानकारी लेते लोग दिखे। कई किस्मों के फूल प्रदर्शित किए गए हैं। इस बारे में नर्सरी की मालकिन विद्या राई ने बताया कि शुरू से उन्हें फूलों से बेहद लगाव है। अपनी पहली पसंद को जीवन का आधार बनाना चाहती थी। 14 वर्ष पहले जापान में इस बारे में उन्होंने प्रशिक्षण लिया था। इसके लिए जापान स्थित मियाजिमा नामक स्थान पर नौ महीने तक प्रशिक्षण लिया। बहुत ही बारीकी से फूलों की खेती और औषधीय पौधों के बारे में जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण लेने के दौरान अजीब सी खुशी का अनुभव हो रहा था। मुझे मेरी पसंद कार्य करने का मौका मिला था। सारा खर्च जापान की सरकार द्वारा ही उठाया गया था। यह मौका उन्हें एक स्कालरशिप के आधार पर मिला था। लगभग पांच साल पहले वे फूल व्यवसाय से जुड़ी थीं। अब यही कार्य उनकी रोजी-रोटी का साधन बन चुका है। इसके साथ ही दस महिलाएं भी इस कार्य जुड़ी हुई हैं। इस समय मेले में वे औषधीय पौधों के साथ फूलों को भी प्रदर्शित किया है। इन्हें भी बेहद पसंद किया जा रहा है। जेरेनियम फूल की नई किस्म भी आई हुई है। वहीं हैंगिग जेरेनियम, सेकिलेंस के अलावा अन्य कई पहाड़ी फूल प्रदर्शित किए गए हैं। इसके अलावा कैक्टस और नागफनी की भी कई किस्में है। इन्हें खूब पसंद किया जा रहा है।
प्रदर्शनी में ऑर्गेनो, रोज मैरी, लेमन बाम, बार्सले, केमोमाइल के औषधीय पौधे दिखाए गए हैं। इनके गुणों की भी जानकारी दर्शकों को दी जा रही है। प्रदर्शनी में कुल 62 स्टाल लगाए गए हैं। इसमें सिक्किम, मालदा, कालिम्पोंग, दार्जीलिंग, माल बाजार, बालुर घाट सहित कई स्थानों से लोग अपने प्लांट्स व फ्लावर्स के साथ आए हैं। इसका उद्घाटन गुरुवार की शाम उत्तर बंग उन्नयन मंत्री रवींद्रनाथ घोष ने किया था। इसका समापन 25 फरवरी को पुरस्कार वितरण के साथ होगा।
प्रदर्शनी में पहाड़ से लाए गए फूल अलग ही छटा बिखेर रहे हैं। कालिंपोंग से आए इस स्टॉल में पहले दिन ही वनस्पति औषधि के बारे में जानकारी लेते लोग दिखे। कई किस्मों के फूल प्रदर्शित किए गए हैं। इस बारे में नर्सरी की मालकिन विद्या राई ने बताया कि शुरू से उन्हें फूलों से बेहद लगाव है। अपनी पहली पसंद को जीवन का आधार बनाना चाहती थी। 14 वर्ष पहले जापान में इस बारे में उन्होंने प्रशिक्षण लिया था। इसके लिए जापान स्थित मियाजिमा नामक स्थान पर नौ महीने तक प्रशिक्षण लिया। बहुत ही बारीकी से फूलों की खेती और औषधीय पौधों के बारे में जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण लेने के दौरान अजीब सी खुशी का अनुभव हो रहा था। मुझे मेरी पसंद कार्य करने का मौका मिला था। सारा खर्च जापान की सरकार द्वारा ही उठाया गया था। यह मौका उन्हें एक स्कालरशिप के आधार पर मिला था। लगभग पांच साल पहले वे फूल व्यवसाय से जुड़ी थीं। अब यही कार्य उनकी रोजी-रोटी का साधन बन चुका है। इसके साथ ही दस महिलाएं भी इस कार्य जुड़ी हुई हैं। इस समय मेले में वे औषधीय पौधों के साथ फूलों को भी प्रदर्शित किया है। इन्हें भी बेहद पसंद किया जा रहा है। जेरेनियम फूल की नई किस्म भी आई हुई है। वहीं हैंगिग जेरेनियम, सेकिलेंस के अलावा अन्य कई पहाड़ी फूल प्रदर्शित किए गए हैं। इसके अलावा कैक्टस और नागफनी की भी कई किस्में है। इन्हें खूब पसंद किया जा रहा है।
प्रदर्शनी में ऑर्गेनो, रोज मैरी, लेमन बाम, बार्सले, केमोमाइल के औषधीय पौधे दिखाए गए हैं। इनके गुणों की भी जानकारी दर्शकों को दी जा रही है। प्रदर्शनी में कुल 62 स्टाल लगाए गए हैं। इसमें सिक्किम, मालदा, कालिम्पोंग, दार्जीलिंग, माल बाजार, बालुर घाट सहित कई स्थानों से लोग अपने प्लांट्स व फ्लावर्स के साथ आए हैं। इसका उद्घाटन गुरुवार की शाम उत्तर बंग उन्नयन मंत्री रवींद्रनाथ घोष ने किया था। इसका समापन 25 फरवरी को पुरस्कार वितरण के साथ होगा।