एनआरसी के डर से मौत मामले में ममता जिम्मेदार -दिलीप घोष

-भय दिखाकर अपनी जमीन बचाने की कर रही कोशिश -एक भी भारतीय देश से नहीं होंगे बाहर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Sep 2019 05:31 PM (IST) Updated:Tue, 24 Sep 2019 09:19 PM (IST)
एनआरसी के डर से मौत मामले में ममता जिम्मेदार -दिलीप घोष
एनआरसी के डर से मौत मामले में ममता जिम्मेदार -दिलीप घोष

-मृतक के परिवार वाले सीधे सीएम पर करें मामला

-किसी भी भारतीय को डरने की जरूरत नहीं

-विदेशियों को दिखाया जाएगा देश से बाहर का रास्ता

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल में एनआरसी के डर से मारे जा रहे लोगों के लिए जिम्मेदार अगर कोई है तो वह है मां माटी मानुष की ममता सरकार। इसकी जिम्मेदारी सरकार को लेनी होगी। मेरा तो मानना है कि मृतक के परिवार वालों द्वारा इसके लिए सीधे मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज कराना चाहिए। यह कहना है भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दिलीप घोष का। वे मंगलवार सुबह उत्तर बंगाल दौरे पर एनजेपी पहुंचे थे। अलीपुरद्वार के लिए निकलने के पूर्व एनजेपी रेलवे स्टेशन पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि असम में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से एनआरसी प्रक्रिया चालू हुई। इसमें भी कई प्रकार की कमियां देखी गयी जिसे ठीक करने की कवायद चल रही है। ऐसे में बंगाल में अपने खोए वोट बैंक को वापस पाने के लिए एनआरसी के खिलाफ रैली, प्रदर्शन और जगह-जगह पंपलेट, पर्चा वितरण कर माहौल भय का माहौल तैयार किया जा रहा है। इसके नाम पर पहले मुसलमानों, गोरखाओं और अब हिदुओं को सरकार डरा रही है। यह देखना होगा कि डेंगू से मरने वालों को भी तो कही एनआरसी के डर से मारने वालों की सूची में डालकर दो लाख रुपये दिए जा रहे है। हां यह जरुर है कि जो विदेशी नागरिक अवैध रूप से भारत में घुसपैठ किए है, उन्हें आज या कल देश छोड़ना पड़ेगा। बता दे कि भारत का एक भी नागरिक देश से बाहर नहीं जाएगा। इसका खुलासा गृहमंत्री अमित शाह और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने स्पष्ट कर दिया है।

क्यों भाग रहे हैं राजीव कुमार

जब पत्रकारों ने एडीजी सीआइडी राजीव कुमार की लुकाछुपी को लेकर प्रश्न किया तो घोष ने कहा कि राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर तृणमूल कांग्रेस का भविष्य टिका है। आश्चर्य की बात है कि जिस अधिकारी के डर से राज्य के अपराधी भागते फिरते थे आज वह स्वयं अपनी गिरफ्तारी से बचते फिर रहा है। इस बात को देश की जनता समझने लगी है।

काफी पहले बढ़ना चाहिए था सरकारी कर्मचारियों का वेतन

जब कर्मचारियों के पांचवे पे कमीशन को लागू करने को लेकर प्रश्न किया गया तो घोष ने कहा कि आज देश में सातवां पे कमीशन लागू हो गया है बंगाल में अभी पांचवां। यह तो कर्मचारियों की काफी दिनों से चली आ रही मांग थी जिसे अब दिया गया है। राज्य सरकार अगर कर्मचारियों की उतनी ही हितैषी है तो उन्हें सत्ता में आते ही कर्मचारियों की सारी मांगें मान लेनी चाहिए थी। सरकार को डर है कि लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा में भी कर्मचारी उनका साथ छोड़ देंगे।

बंगाल पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का विशेष ध्यान

पत्रकारों ने जब घोष से पूछा कि दुर्गापूजा और तर्पण में भी भाजपा के शीर्ष नेता आ रहे है इसके पीछे का कारण क्या है? इसके जबाव में उन्होंने कहा कि बंगाल पर केंद्र सरकार का विशेष ध्यान है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मूलमंत्र पर सरकार काम कर रही है। यह भूमि डा. श्यामा प्रसाद की भूमि है। इसका सबसे ज्यादा विकास सरकार करना चाहती है। इसलिए बंगाल पर केंद्र सरकार का विशेष ध्यान है। बंगाल में भाजपा को राज्य सरकार जितनी तेजी से कुचलने का प्रयास करेगी उसी तेजी से यहां भाजपा जनता के बीच अपनी पैठ बनाएगी।

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