सुनने में असमर्थ रुचा ने पेंटिंग कर सजाई शहर की दीवारें, लोगों ने सराहा

सुनने में असमर्थ रुचा ने शहर की बदरंग दीवारों पर पेंटिंग्स बनाकर उन्हें आकर्षक बना दिया है। उसकी पेंटिंग्स की लोग जमकर सराहना कर रहे हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 23 Nov 2018 04:04 PM (IST) Updated:Fri, 23 Nov 2018 04:04 PM (IST)
सुनने में असमर्थ रुचा ने पेंटिंग कर सजाई शहर की दीवारें, लोगों ने सराहा
सुनने में असमर्थ रुचा ने पेंटिंग कर सजाई शहर की दीवारें, लोगों ने सराहा

नई टिहरी, जेएनएन। चिन्यालीसौड़ निवासी रुचा को कुछ सुनाई नहीं देता है। बारह वर्ष की उम्र में तबीयत खराब होने के कारण उसके कानों की सुनने की क्षमता खत्म हो गई थी। लेकिन, शारीरिक कमजोरी को रुचा ने अपने पेंटिंग के शौक पर हावी नहीं होने दिया। रुचा को पेंटिंग का बेहद शौक है। वो दिनभर पेंटिंग के कार्य में मगशूल रहती हैं। उसकी कई पेटिंग्स को लोगों ने बहुत सराहा है। 

चिन्यालीसौड़ निवासी रुचा(22 वर्ष) जब बारह वर्ष की थी, तब उसे जुकाम और बुखार हो गया था, जिसके बाद उसकी सुनने की क्षमता खत्म हो गई थी। दस साल से रुचा को कुछ सुनाई नहीं देता है। सुनने की क्षमता खत्म होने के बाद भी रुचा ने हार नहीं मानी और घर बैठने के बजाय उसने पेंटिंग को अपना साथी बनाया। उसकी पेंटिंग को कई जगह सराहा गया। 

रुचा इन दिनों नई टिहरी आई हैं और वह शहर की दीवारों पर अपनी भावनाओं को उजागर कर बेहतरीन पेंटिंग बना रही हैं। रुचा वर्तमान में चिन्यालीसौड़ में एमए की पढ़ाई कर रही हैं। उनके पिता का अपना छोटा सा कारोबार है। उसकी पेंटिंग नई टिहरी शहर में चर्चा का विषय बनी हुर्इ है। 

ग्रामीण क्षेत्र विकास समिति को जब यह पता चला कि रुचा सुनती नहीं है, तो वह मदद के लिए आगे आई और उसके इलाज का खर्चा उठाने की बात कही। संस्था के अध्यक्ष सुशील बहुगुणा का कहना है कि रुचा होनहार लड़की है और उसकी हर संभव मदद की जाएगी। 

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