प्रमुख सचिव वन के खिलाफ जमानती वारंट, एसएसपी देहरादून को कोर्ट में पेश करने के निर्देश

बाघों के संरक्षण मामले में हलफनामा दाखिल नहीं करने व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश का अनुपालन खुद करने के बजाय अपर सचिव को भेजना प्रमुख सचिव वन को महंगा पड़ गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 09 Apr 2019 12:26 PM (IST) Updated:Tue, 09 Apr 2019 12:26 PM (IST)
प्रमुख सचिव वन के खिलाफ जमानती वारंट, एसएसपी देहरादून को कोर्ट में पेश करने के निर्देश
प्रमुख सचिव वन के खिलाफ जमानती वारंट, एसएसपी देहरादून को कोर्ट में पेश करने के निर्देश

नैनीताल, जेएनएन। बाघों के संरक्षण मामले में हलफनामा दाखिल नहीं करने, व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश का अनुपालन खुद करने के बजाय अपर सचिव को भेजना प्रमुख सचिव वन को महंगा पड़ गया है। हाईकोर्ट ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। साथ ही एसएसपी देहरादून को निर्देश दिया है कि वह 22 अप्रैल को प्रमुख सचिव को कोर्ट में पेश कराएं। 

दरअसल ऑपरेशन आई ऑफ टाइगर इंडिया की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को शपथपत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। केंद्र ने हलफनामा में कहा कि राज्यों को 2017 में ही टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स बनाने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि केंद्र के सर्कुलर पर क्या कार्रवाई की गई। इस पर पहली अप्रैल तक शपथपत्र  दाखिल करने को कहा था। इस दौरान अपर सीएससी सीएस रावत ने कोर्ट को बताया कि उनके द्वारा 20 मार्च को ही प्रमुख सचिव को पत्र भेज दिया था। जिसके बाद कोर्ट ने प्रमुख सचिव को नौ अप्रैल को कोर्ट में पेश होने को कहा था।

आज प्रमुख सचिव पेश नहीं हुए मगर उन्होंने  अपर सचिव को भेज दिया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बिना हाजिर माफी का प्रार्थना पत्र दिए अनुपस्थिति को बेहद गंभीरता से लिया और प्रमुख सचिव के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया।

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