केदारघाटी से शवों को निकलवाकर अंतिम संस्कार करे सरकार

नैनीताल हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ में 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के मामले की सुनवाई हुई।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 08 Dec 2017 06:30 PM (IST) Updated:Fri, 08 Dec 2017 08:49 PM (IST)
केदारघाटी से शवों को निकलवाकर अंतिम संस्कार करे सरकार
केदारघाटी से शवों को निकलवाकर अंतिम संस्कार करे सरकार

नैनीताल, [जेएनएन]: हाईकोर्ट ने केदारनाथ में 2013 में आई आपदा के दौरान केदारघाटी में दफन शवों को खोजकर अंतिम संस्कार कराने के निर्देश सरकार को दिए हैं। कोर्ट ने सरकार को 18 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही मुख्य सचिव से पूर्व में कोर्ट के आदेश का अनुपालन न करने के मामले में शपथ पत्र प्रस्तुत करने को कहा है।

कोर्ट ने पिछले साल 19 नवंबर को दिए आदेश में केदारनाथ आपदा में मारे गए लोगों के परिवार के नाबालिगों को बालिग होने तक सरकार से उनके खाते में साढ़े सात हजार रुपये प्रति माह जमा करने, आपदा में क्षतिग्रस्त दुकानों और मकानों के पुनर्निर्माण के लिए समुचित मुआवजा देने, केदारघाटी में आपदा में जान गंवाने वाले तीर्थयात्रियों के शवों की तलाश कर रीतिरिवाज के साथ दाह संस्कार करने, एसएसपी स्तर के अधिकारियों की पांच विशेष टीमें बनाकर शव तलाशने व उनका डीएनए टेस्ट कराने के आदेश पारित किए थे। कोर्ट ने इस मामले में अधिवक्ता जितेंद्र चौधरी और तपन को न्याय मित्र नियुक्त किया है। 

दिल्ली निवासी अजय गौतम ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि आपदा के बाद केदारघाटी में करीब 4200 लोग लापता थे, जिसमें से करीब छह सौ के कंकाल बरामद किए गए, मगर आपदा के चार साल बाद भी 3600 लोग केदारघाटी में दफन हैं और सरकार उनको निकालने के लिए कोई कार्य नहीं कर रही है। पूर्व में भी कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि केदारघाटी में शवों की तलाश कर उनका अंतिम संस्कार करें, लेकिन सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं की गई। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार से मामले को गंभीरता से लेने तथा केदारनाथ घाटी में शवों को निकलवाकर उनका अंतिम संस्कार करवाने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 18 दिसंबर नियत की है।

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