कैलास मानसरोवर यात्रियों का पहला दल पहुंचेगा कल, उत्तराखंड से पांच यात्री हैं शामिल

मानसराेवर यात्रा का प्रथम दल उत्तराखंड परिवहन निगम की वातानुकूलित वाॅल्वो बस सेवा से सुबह छह बजे दिल्ली से चलकर दोपहर एक बजे काठगोदाम पहुंचेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 11 Jun 2019 07:26 PM (IST) Updated:Tue, 11 Jun 2019 08:18 PM (IST)
कैलास मानसरोवर यात्रियों का पहला दल पहुंचेगा कल, उत्तराखंड से पांच यात्री हैं शामिल
कैलास मानसरोवर यात्रियों का पहला दल पहुंचेगा कल, उत्तराखंड से पांच यात्री हैं शामिल

हल्द्वानी, जेएनएन : उत्तराखंड से कैलास मानसरोवर यात्रा बुधवार से आरंभ हो जाएगी। प्रथम दल उत्तराखंड परिवहन निगम की वातानुकूलित वाल्वो बस सेवा से सुबह छह बजे दिल्ली से चलकर दोपहर एक बजे काठगोदाम पहुंचेगा। प्रथम दल में 59 यात्री शामिल हैं, जिसमें 50 पुरुष व नौ महिला यात्री हैं। मंगलवार को कुमाऊं मंडल विकास निगम यात्रियों के स्वागत की तैयारियों में जुटा रहा। दिल्ली से यात्री दोपहर एक बजे के करीब केएमवीएन के काठगोदाम पर्यटक आवास गृह पहुंचेंगे। 

टीआरसी प्रबंधक रमेश चंद्र पांडे ने बताया कि प्रथम दल में चंडीगढ़, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश से एक-एक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, वेस्ट बंगाल से दो-दो, हरियाणा से तीन, राजस्थान आठ, उत्तरप्रदेश से सात, उत्तराखंड के पांच यात्री शामिल हैं। प्रथम दल में सर्वाधिक 15 यात्री गुजरात से, जबकि दिल्ली से दस यात्री शामिल हैं। दिल्ली निवासी विजय कुमार दल के लाइजनिंग ऑफिसर प्रथम व उत्तर प्रदेश नोएडा निवासी अखिलेश सिंह रावत लाइजनिंग ऑफिसर सेकेंड होंगे। 

उन्होंने बताया कि यात्रियों का स्वागत कुमाऊंनी परंपराओं के साथ किया जाएगा। दोपहर के भोजन में यात्रियों को बुरांस का जूस और परंपरागत व्यंजन परोसे जाएंगे। काठगोदाम से यात्रियों को डीलक्स बसों से अल्मोड़ा भेजा जाएगा। जहां रात्रि विश्राम के बाद यात्री अगले दिन पिथौरागढ़ रवाना होंगे। 

पहले दल में नैनीताल के एक ही परिवार के तीन शिवभक्त

प्रसिद्ध कैलास मानसरोवर यात्रा के पहले दल में पहली बार नैनीताल के एक ही परिवार के तीन शिवभक्त शामिल किए गए हैं। मल्लीताल बड़ा बाजार निवासी दिनेश अग्रवाल, उनकी पत्नी सरिता अग्रवाल व बेटा अक्षय अग्रवाल तीनों ही एक साथ शिवधाम का दर्शन करेंगे। जन कल्याण समिति से जुड़े दिनेश समाजसेवी हैं। उन्होंने बताया कि 1997 में मालपा हादसे के बाद मन में विचार आया कि कैलास मानसरोवर यात्रा पर जाना चाहिए। शिव के धाम जाने की दिली इच्छा थी। इसलिए इस बार सपरिवार यात्रा पर जाने के लिए आवेदन किया तो पत्नी व बेटे के साथ उसका भी नंबर आ गया। बताया कि बेटा दिल्ली में जॉब करता है, जबकि पत्नी गृहिणी होने के साथ ही कारोबार में हाथ भी बटाती है। कहा कि इच्छा मां को भी ले जाने की थी, मगर बुजुर्ग होने की वजह से विचार टालना पड़ा। दिनेश ने पहले ही दल में चयन की वजह शिव की कृपा बताया।

कैलास मानसरोवर यात्रा पर संकट के बादल

प्रसिद्ध कैलास मानसरोवर यात्रा पर संकट के बादल मंडरा गए हैं। हाई कोर्ट ने यात्रा के लिए सामान ढोने वाले पोनी-पोर्टर के टेंडर के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। कोर्ट के आदेश के बाद यात्रियों का सामान ले जाने की समस्या खड़ी हो गई है। पिथौरागढ़ जिले के धारचूला निवासी कुंदन सिंह ने याचिका दायर कर कहा है कि कुमाऊं मंडल विकास निगम ने यात्रा पड़ावों में सामान छोडऩे व लाने के लिए 28 मई को टेंडर खोला था, जिसमें याचिकाकर्ता के सबसे कम रेट खुले, मगर निगम प्रबंधन ने उसके बजाय दूसरे नंबर वाले को टेंडर आवंटित कर दिया। याचिकाकर्ता ने गलत तरीके से टेंडर आवंटित करने का आरोप लगाते हुए इसे निरस्त करने की मांग की है। साथ ही कहा है कि पूरे मामले की निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराई जाए। याचिका में याचिकाकर्ता को क्षतिपूर्ति के तौर पर दस लाख की रकम देने की भी गुहार लगाई है। एकलपीठ ने मामले के सुनने के बाद टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। 

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