उत्‍तराखंड में अब वॉटर स्पो‌र्ट्स संचालन को तैयार की जा रही नीति

उत्‍तराखंड में अब वॉटर स्पो‌र्ट्स गतिविधियों के संचालन को नीति तैयार की जा रही है। इस नीति में स्कूबा डाईविंग जेट स्कीइंग पैरासेलिंग और कयाकिंग व केनोइंग को शामिल किया जा रहा है।

By Edited By: Publish:Wed, 06 Nov 2019 07:58 PM (IST) Updated:Thu, 07 Nov 2019 04:48 PM (IST)
उत्‍तराखंड में अब वॉटर स्पो‌र्ट्स संचालन को तैयार की जा रही नीति
उत्‍तराखंड में अब वॉटर स्पो‌र्ट्स संचालन को तैयार की जा रही नीति

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में अब वॉटर स्पो‌र्ट्स गतिविधियों के संचालन को नीति तैयार की जा रही है। इस नीति में स्कूबा डाईविंग, जेट स्कीइंग, पैरासेलिंग और कयाकिंग व केनोइंग को शामिल किया जा रहा है। नीति में इनके संचालन के लिए दिशा निर्देश तय किए जाएंगे, जिसके अनुसार ही इन खेलों का संचालन किया जाएगा।

प्रदेश में इस समय वॉटर स्पो‌र्ट्स का क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। विशेष रूप से टिहरी झील में इन खेलों की खासी संभावनाएं देखी गई हैं। वॉटर स्पोट्र्स से जुड़ी कई कंपनियां यहां इन खेलों का संचालन करना चाहती हैं। इससे प्रदेश को राजस्व मिलने के साथ ही स्थानीय युवाओं के सामने रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इसे देखते हुए पर्यटन विभाग वॉटर स्पो‌र्ट्स के लिए नीति तैयार कर रहा है। सूत्रों की मानें तो प्रदेश में स्कूबा डाइविंग की अच्छी संभावनाएं हैं। टिहरी झील के नीचे पूरा नगर डूबा हुआ है। इसे देखने के लिए देश दुनिया से पर्यटक आ सकते हैं। स्कूबा डाइविंग सुरक्षित तरीके से संचालित हो सके। इसके प्रावधान नीति में किए जा रहे हैं, जिसमें अनुभवी प्रशिक्षकों से लेकर तमाम उपकरण रखे जाने का प्रावधान किया जा रहा है। 

जेट स्कीइंग भी एक लोकप्रिय खेल है। इसमें पर्यटक या तो चालक के साथ अथवा स्वयं ही तेज गति की मोटर बोट चलाता है। प्रस्तावित नीति में इसके लिए भी अनुभवी व लाइसेंस धारक चालक को रखने का प्रावधान किया जा रहा है। इसके साथ ही लाइफ जैकेट व लाइफ गार्ड आदि की व्यवस्था करने का भी प्रावधान किया जा रहा है।  पैरासेलिंग में तेज गति से चलती नाव पैराशूट में बंधे पर्यटक को उपर खींचती है। यह भी है मनोरंजक खेल है, जिसकी ओर पर्यटक खासे आकर्षित रहते हैं। नीति में इसके लिए भी सुरक्षा और अनुभवी स्टाफ रखने का प्रावधान किया जा रहा है। 

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कयाकिंग व केनोइंग में सवार खुद इन्हें चलाता है। अनुभवहीनता इसमें खतरनाक हो सकती है। ऐसे में इसमें भी सुरक्षा और इसके क्षेत्र को परिभाषित किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो इस संबंध में विभागीय अधिकारियों की बैठकें हो चुकी हैं और नीति को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि इसे कैबिनेट में रखा जा सके। 

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