फ्रांस और अमेरिका में छाई उत्तराखंड की हस्तशिल्प, जल्द ऑनलाइन होंगे उत्पाद

इन दिनों उत्तराखंड में तैयार हस्तशिल्प क फ्रांस अमेरिका आदि देशों में खूब पसंद किया जा रहा है। आने वाले दिनों में तैयार सामान लोग ऑनलाइन भी खरीद सकेंगे।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 29 Dec 2019 06:05 PM (IST) Updated:Sun, 29 Dec 2019 08:41 PM (IST)
फ्रांस और अमेरिका में छाई उत्तराखंड की हस्तशिल्प, जल्द ऑनलाइन होंगे उत्पाद
फ्रांस और अमेरिका में छाई उत्तराखंड की हस्तशिल्प, जल्द ऑनलाइन होंगे उत्पाद

देहरादून, सोबन सिंह गुसाईं। उत्तराखंड में तैयार हस्तशिल्प को इन दिनों फ्रांस, अमेरिका आदि देशों में खूब पसंद किया जा रहा है। आने वाले दिनों में उत्तराखंड के कारीगरों की ओर से तैयार सामान लोग ऑनलाइन भी खरीद सकेंगे। इसके लिए उत्तराखंड हथकरघा और हस्तशिल्प विकास परिषद ऑनलाइन ट्रेडिंग करने जा रहा है। हस्तशिल्प कला सीखने के बाद ग्रामीण 10 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह कमा रहे हैं। 

भारत सरकार के विकास आयुक्त हस्तशिल्प ने एकीकृत हस्तशिल्प विकास एवं प्रोत्साहन योजना (आइडीपीएच) के तहत 15 ब्लॉकों में ग्रामीणों को हाथ से बनने वाले उत्पादों का प्रशिक्षण दिया। इसके लिए एनआइडी (राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान अहमदाबाद) और एनआइएफटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फेशन टेक्नोलॉजी) के 200 छात्र-छात्राओं का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण देने के लिए 200 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। 

उत्तराखंड हथकरघा और हस्तशिल्प विकास परिषद की डिप्टी डायरेक्टर शैली डबराल और जगमोहन बहुगुणा ने बताया कि कार्यशालाओं से शिक्षा प्राप्त करने के बाद कारीगरों ने उत्तराखंड के 15 ब्लॉकों में लोगों को हस्तशिल्प का प्रशिक्षण दिया। यह कार्यक्रम मुंस्यारी, धारचूला, सहसपुर, रुड़की, ऊखीमठ, उत्तरकाशी, भटवाड़ी, बागेश्वर, जोशीमठ, हल्द्वानी, अलमोड़ा, भीलांगना, जसपुर में आयोजित किए गए। 

अब तक इन ब्लॉकों में 5500 लोग हस्तशिल्प की कला सीख चुके हैं, जा  कि नेचुरल फाइबर, कॉपर, एपण, बुलेन शॉल, ब्लॉक, बेंबू आदि कई सामान तैयार कर रहे हैं। हिमाद्री के माध्यम से तैयार सामान का बाजार में विपणन किया जा रहा है। अब तक यह सामान उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के अलावा फ्रांस और अमेरिका तक जा रहा है। 

जल्द खोलेंगे सामान्य सुविधा केंद्र 

डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि जल्द ही 15 ब्लॉकों में सामान्य सुविधा केंद्र खोले जा रहे हैं, जहां उपकरण लगाने के लिए मशीनों की खरीद होनी है। इसके लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं। अब तक एससी और एसटी वर्ग के लोगों को यह हस्तशिल्प कला का प्रशिक्षण दिया जा रहा था, लेकिन जल्द सामान्य वर्ग के लोगों को भी इससे जोड़ा जाएगा। 

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लोगों को मिला आजीविका का साधन 

पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों को हस्तशिल्प कला का अधिक ज्ञान नहीं होता, इसलिए वह आजीविका का साधन नहीं ढूंढ पाते। अब योजना के तहत ट्रेनिंग देने के बाद वह अच्छी कमाई कर सकेंगे और उन्हें घर बैठे ही आजीविका का साधन मिल सकेगा। 

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