Pithoragarh: बिजली से रोशन होंगे चीन सीमा से लगे गांव, नेशनल ग्रिड से जुड़ेंगी व्यास और दारमा घाटी; 85 करोड़ का बजट पास
वाइब्रेंट विलेज की श्रेणी में आने के बाद सरकार अपने अवैतनिक सीमा प्रहरियों के लिए सुविधाएं विकसित करने में जुटी है। बिजली से वंचित गांवों के लिए 85 करोड़ का बजट स्वीकृत हो चुका है। नेपाल सीमा से लगी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की धारचूला तहसील की व्यास घाटी के करीब 18 और दारमा घाटी के 12 से अधिक गांवों को इसका लाभ मिलेगा...
जागरण संवाददाता, धारचूला (पिथौरागढ़)। स्वतंत्रता के बाद यह पहला मौका है जब चीन-नेपाल सीमा से लगी भारत की दो घाटियों दारमा और व्यास के उच्च हिमालय के गांव बिजली की रोशनी से जगमग होने जा रहे हैं। अभी तक सौर ऊर्जा ही इन गांवों के लिए एकमात्र विकल्प था।
वाइब्रेंट विलेज की श्रेणी में आने के बाद सरकार अपने अवैतनिक सीमा प्रहरियों के लिए सुविधाएं विकसित करने में जुटी है। बिजली से वंचित गांवों के लिए 85 करोड़ का बजट स्वीकृत हो चुका है।
व्यास घाटी के 18 और दारमा के 12 से अधिक गांवों को मिलेगा लाभ
नेपाल सीमा से लगी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की धारचूला तहसील की व्यास घाटी के करीब 18 और दारमा घाटी के 12 से अधिक गांवों को इसका लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के अक्टूबर, 2023 में इस सीमा क्षेत्र में पहुंचने के बाद इन गांवों को नेशनल ग्रिड से जोड़ने के कार्य को स्वीकृति मिल चुकी है।
गुंजी से कालापानी, कुटी के लिए 11 केवीए की लाइन का प्रस्ताव
नेशनल ग्रिड से जोड़ने के लिए तवाघाट से गुंजी तक 33 केवीए की 65 किमी लंबी लाइन होगी। इसके बाद गुंजी से कालापानी, कुटी के लिए 11 केवीए की लाइन का प्रस्ताव बनाया गया है। इसी तरह दारमा घाटी के लिए सीपू से मार्छा तक 11 केवीए की लाइन खींची जाएगी। लाइन बिछाने का कार्य इसी वर्ष के अंत तक पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
ऊर्जा निगम अधीक्षण अभियंता राजेंद्र सिंह गुंज्याल के अनुसार, दारमा और व्यास घाटी के लिए विद्युत लाइन बिछाए जाने के कार्य को स्वीकृति मिल गई है। आदर्श आचार संहिता खत्म होने के बाद टेंडर जारी करके काम शुरू कर दिया जाएगा।
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