वन्यजीव हमलों में मृत के परिजनों को अब तीन की जगह पांच लाख मुआवजा

अब वन्यजीव हमलों में मृतकों के परिजनों को तीन लाख की जगह पांच लाख की मुआवजा राशि दी जाएगी।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 15 Jun 2018 07:08 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jun 2018 10:04 PM (IST)
वन्यजीव हमलों में मृत के परिजनों को अब तीन की जगह पांच लाख मुआवजा
वन्यजीव हमलों में मृत के परिजनों को अब तीन की जगह पांच लाख मुआवजा

देहरादून, [जेएनएन]: प्रदेश में वन्यजीवों द्वारा मानव क्षति पर मुआवजे की राशि को बढ़ा दिया गया है। वन्य जीवों द्वारा मारे जाने पर अब मुआवजे की राशि तीन लाख रुपये की जगह पांच लाख रुपये दी जाएगी। जबकि गंभीर रूप से घायल को मुआवजा राशि अब 50 हजार रुपये की जगह दो लाख रुपये दी जाएगी। वहीं, राष्ट्रीय पार्कों से विस्थापित किए जाने वालों को अन्यत्र बसाए गए स्थान पर भूमिधरी अधिकार दिए जाने पर भी सैद्धान्तिक सहमति जताई गई है। कैबिनेट में इसके लिए प्रस्ताव लाया जाएगा।

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की उध्यक्षता में राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक हुर्इ। इस दौरान सीएम रावत ने कहा कि वनों के प्रबंधन में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। वनों के संरक्षण के लिए ग्रामीणों का सहयोग जरूरी है। वनों का संरक्षण भी हो और स्थानीय ग्रामीण इनसे आजीविका भी प्राप्त कर सकें, इसके लिए ग्रीन टूरिज्म के कॉन्सेप्ट पर काम किया जाए। 

बैठक में कॉर्बेट के बफर जोन और रामनगर वन प्रभाग में हाथी सफारी को भी अनुमति दी गई। यह भी तय किया गया कि राजाजी टाईगर रिजर्व में पर्यटन से होने वाली आय का 100 फीसदी राजाजी टाईगर रिजर्व कंजरवेशन फाउंडेशन के कोष में जमा किया जाएगा। इसका कुछ भाग सामुदायिक गतिविधियों में प्रयोग किया जाएगा।  

अब हर छह माह में होगी राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक 

मुख्यमंत्री ने कहा कि साल में एक बार होने वाली राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक हर छह माह में आयोजित की जाए। इसमें प्रस्तुत किए जाने वाले बिंदुओं के साथ विस्तृत रिपोर्ट भी संलग्न होनी चाहिए। यदि कोई मामला जनता से जुड़ा हो तो बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत करने से पहले यह भी अध्ययन करा लिया जाए कि इससे संभावित लाभ व हानि क्या-क्या हैं। 

वहीं सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन विभाग द्वारा जिन पर्वतारोही दलों को अनुमति दी जाती है, उसकी सूचना पुलिस को भी दी जाए। ताकि किसी आकस्मिक स्थिति में फंसे पर्वतारोहियों को बचाया जा सके। बैठक में वाईल्ड लाईफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा प्रस्तावित कंडी मार्ग पर किए गए फिजीबिलिटी सर्वे का प्रस्तुतिकरण किया गया। बताया गया कि इसके बनने से गढ़वाल से कुमाऊं के लिए सीधा संपर्क मार्ग बनेगा और इससे यात्रा अवधि में लगभग तीन घंटे की कमी आएगी। इस पर कंडी मार्ग के संबंध में एक कार्यकारी समिति बनाने का निर्णय किया गया।  

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