जानें- देश की सबसे बड़ी ठगी को लेकर सब कुछ, अब बाहर की जेलों में बंद आरोपितों को पूछताछ को लाया जाएगा दून

500 करोड़ रुपये की आनलाइन ठगी (पावर बैंक एप) में बंगलुरु मुंबई व दिल्ली की जेलों में बंद सात आरोपितों को उत्तराखंड एसटीएफ दून लाकर पूछताछ की तैयारी कर रही है। इसके लिए न्यायालय में उक्त आरोपितों की रिमांड प्राप्त करने को बी वारंट के लिए प्रार्थनापत्र दाखिल किया है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 15 Jan 2022 09:17 AM (IST) Updated:Sat, 15 Jan 2022 09:17 AM (IST)
जानें- देश की सबसे बड़ी ठगी को लेकर सब कुछ, अब बाहर की जेलों में बंद आरोपितों को पूछताछ को लाया जाएगा दून
जानें- देश की सबसे बड़ी ठगी को लेकर सब कुछ।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Power Bank App Fraud देश की सबसे बड़ी 500 करोड़ रुपये की आनलाइन ठगी (पावर बैंक एप) में बंगलुरु, मुंबई व दिल्ली की जेलों में बंद सात आरोपितों को उत्तराखंड एसटीएफ दून लाकर पूछताछ की तैयारी कर रही है। इसके लिए न्यायालय में उक्त आरोपितों की रिमांड प्राप्त करने को बी वारंट के लिए प्रार्थनापत्र दाखिल किया है। इस ठगी के तार सीधे चीन से जुड़े हुए हैं। आरोपितों ने ठगी की धनराशि क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से चीन भेजी थी।

दरअसल, इन आरोपितों के खिलाफ उत्तराखंड में भी मुकदमे दर्ज हैं। एसटीएफ को उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करना है। लेकिन, उत्तराखंड पुलिस अब तक उनसे ही पूछताछ ही नहीं कर पाई है। अब इन आरोपितों को दून लाकर पूछताछ की जाएगी। सूत्रों की मानें तो आरोपितों से मुख्य रूप से उनके सरगना और इस प्रकरण में उनकी भूमिका को लेकर पूछताछ की जाएगी।

एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि पावर बैंक एप ठगी मामले में अब तक देशभर से 13 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके खिलाफ उत्तराखंड के अलावा तेलंगाना, बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडु, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उड़ीसा, बिहार, चंडीगढ़ और दिल्ली में 250 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से छह आरोपितों पवन कुमार पांडे, रजनी कोहली, प्रकाश बैरागी, गोकुलवंदन, मुरुगांदनम और राम उजागर को उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया। इनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। बाकी के सात आरोपितों को अन्य राज्यों की पुलिस ने दबोचा, जो बंगलुरु, मुंबई व दिल्ली की जेलों में बंद हैं। उनके खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया जाना है। इसके लिए इनको दून लाकर पूछताछ की जाएगी।

32 खातों में सात करोड़ रुपये फ्रीज

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि जिन आरोपितों को राज्य की एसटीएफ ने गिरफ्तार किया, उनके खिलाफ अनियमित जमा योजना प्रतिबंध विधेयक-2019 के अंतर्गत आरोप पत्र दाखिल किया गया है। एसएसपी के अनुसार, यह क्रिप्टोकरेंसी का पहला मामला है, जिसमें उत्तराखंड पुलिस ने भारत सरकार के इस अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल किया। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में 30 खातों में पांच करोड़ रुपये और हैंगिंग बर्ड नाम की कंपनी के खाते में जमा किए गए दो करोड़ रुपये फ्रीज कराए गए हैं।

हांगकांग से शुरू हुई धोखाधड़ी

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि यह धोखाधड़ी हांगकांग से शुरू हुई थी। आरोपितों ने 2020 में कोरोना संकट के दौरान पावर बैंक एप के माध्यम से धनराशि को 15 दिन में दोगुना करने का लालच दिया था। शुरुआत में कुछ व्यक्तियों को दोगुनी धनराशि दी भी गई। जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग इस एप में निवेश करने लगे। उन्होंने परिचितों को भी धनराशि लगाने का सुझाव दिया। करोड़ों रुपये जमा होने के बाद शातिरों ने एप बंद कर दी और फरार हो गए।

भारत में कुछ आरोपितों ने इस एप प्रमोट को किया, जबकि कुछ ने विभिन्न कंपनियां बनाकर धनराशि खातों में जमा कराई। इन आरोपितों ने चीन में बैठे अपने आकाओं को उनका हिस्सा क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से चीन भेजा। एसटीएफ की जांच में सामने आया कि शातिरों ने विदेशी कंपनी केनन आयसलेंड और भारत की क्रिप्टो करंसी एक्सचेंज कंपनी वजीरेक्स व क्वाइन डीसीएक्स के माध्यम से करोड़ों रुपये विदेश भेजे। जिस साइट से एप तैयार की गई, उसकी कोडिंग चाइनीज भाषा में है। ऐसे में गिरोह के सरगना तक पहुंचने में सुरक्षा एजेंसियां अब तक सफल नहीं हो पाई हैं।

20 चार्टर्ड अकाउंटेंट भी संलिप्त

इस मामले में दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा के 20 चार्टर्ड अकाउंटेंट की संलिप्तता भी प्रकाश में आई, जिन्होंने फर्जी सेल कंपनी खोलकर अपराध किया। इन अकाउंटेंट की सूची भारत सरकार के इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर को कार्रवाई के लिए भेजी गई है।

उत्तराखंड में ऐसे खुला मामला

इस मामले में उत्तराखंड में पहली शिकायत हरिद्वार निवासी रोहित कुमार और राहुल कुमार गोयल नेे मई 2021 में देहरादून साइबर थाना में की थी। उन्होंने शिकायत में बताया कि रुपये दोगुने होने के लालच में पावर बैैंक एप पर 1.63 लाख रुपये लगाए थे, लेकिन कुछ ही दिन में एप बंद हो गई। इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ ने आठ जून को पहली गिरफ्तारी की थी।

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