उत्तराखंड कांग्रेस की नई प्रदेश कमेटी के गठन को लंबा हुआ इंतजार

लोकसभा चुनाव के बाद कई प्रदेशों में जिस तरह अध्यक्षों के बदलने का अंदेशा है उसे देखते हुए उत्तराखंड में नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन में वक्त लगना तकरीबन तय है।

By Edited By: Publish:Mon, 03 Jun 2019 08:57 PM (IST) Updated:Tue, 04 Jun 2019 11:19 AM (IST)
उत्तराखंड कांग्रेस की नई प्रदेश कमेटी के गठन को लंबा हुआ इंतजार
उत्तराखंड कांग्रेस की नई प्रदेश कमेटी के गठन को लंबा हुआ इंतजार

देहरादून, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को उम्मीदों से विपरीत मिली शिकस्त से राष्ट्रीय स्तर पर संगठन हिला हुआ है। कई प्रदेशों में जिस तरह अध्यक्षों के बदलने का अंदेशा है, उसे देखते हुए उत्तराखंड में नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन में वक्त लगना तकरीबन तय है। अलबत्ता, चुनाव नतीजे का असर प्रदेश की प्रस्तावित नई कमेटी में चहेतों को फिट करने की दिग्गजों की मंशा पर पड़ सकता है। 

लोकसभा चुनाव से पहले नई कमेटी के समक्ष जंबो आकार की चुनौती थी, नई परिस्थितियों में इसे सीमित और छोटा रखने की संभावना है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए हर मुमकिन कोशिश की, लेकिन कामयाबी दूर की कौड़ी बनकर रह गई। 

हालत ये हो गई कि पार्टी के तमाम दिग्गज बड़े अंतर से चुनाव हार गए। इस वजह से प्रदेश में कांग्रेस की नई कमेटी को लेकर भी असमंजस बढ़ गया है। लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस की प्रस्तावित नई कमेटी का जंबो आकार भी तय माना जा रहा था। इसकी वजह प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं की ओर से अपने समर्थकों की लंबी-चौड़ी सूची पार्टी नेतृत्व को सौंपना रहा। 

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत, पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के साथ ही नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश समेत तमाम नेताओं की ओर से अपने समर्थकों के नाम बड़ी संख्या में दिए गए। 

लोकसभा चुनाव में सबको साथ लेकर चलने की रणनीति के तहत बड़ी कार्यकारिणी का गठन तकरीबन तय हो गया था। यह दीगर बात है कि चुनाव में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी समेत तमाम केंद्रीय नेताओं के अति व्यस्त होने के चलते प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह की नई टीम अस्तित्व में नहीं आ पाई। माना जा रहा था कि चुनाव के नतीजे आने के बाद जल्द ही नई कमेटी घोषित हो सकेगी। 

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे को लेकर उपजे हालात के बाद अब पार्टी में ऊहापोह बढ़ गया है। कई प्रदेशों में भी कांग्रेस अध्यक्ष बदला जाना तकरीबन तय माना जा रहा है। संगठन में फेरबदल के लिए भी कांग्रेस कार्यसमिति राहुल गांधी को और अधिकार दे चुकी है। 

चुनाव नतीजे आने के बाद हफ्ताभर से ज्यादा बीतने के बावजूद पार्टी में केंद्रीय स्तर पर स्थिति साफ नहीं हो पाई है। पार्टी सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी आगामी सात व आठ जून को केरल में अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड के दौरे पर रहेंगे। उनके दौरे से पहले कांग्रेस में केंद्रीय संगठन की भावी रूपरेखा सामने आने के कयास लगाए जा रहे हैं। 

इस ऊहापोह में उत्तराखंड प्रदेश की नई कमेटी को लेकर फैसला होने की उम्मीद कम ही है। जून के पहले पखवाड़े या यह महीना बीतने के बाद ही नई प्रदेश कमेटी को लेकर छाया कुहासा छंटने के आसार हैं। हालांकि अब नई कमेटी का आकार जंबो रखे जाने के आसार भी क्षीण बताए जा रहे हैं। 

चुनाव नतीजे आने के बाद प्रदेश के बड़े नेताओं के लिए भी केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव डालना आसान नहीं रहने वाला है। नए हालात में प्रदेश कांग्रेस की नई कमेटी 60 से 70 के बीच सिमटने के संकेत हैं। 

प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह फिलहाल नई कमेटी पर बोलने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि देशभर में पार्टी कार्यकर्ता को कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी का इस्तीफा वापस होने का इंतजार कर रहे हैं। राहुल के नेतृत्व में ही पार्टी आगामी चुनौतियों का मुकाबला कर सकती है।

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